लखनऊ (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को अब पहले से अधिक जुर्माना देना होगा। इसके लिए मोटरयान नियमावली-1988 की धारा-200 में संशोधन प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव के जरिए सरकार ने बिना नंबर प्लेट, बिना हेल्मेट और बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने जैसे मामलों में जुर्माने की राशि में वृद्धि कर दिया है। पहली बार पकड़े जाने पर लगने वाली जुर्माना राशि में डेढ़ गुना से तीन गुना तक की वृद्धि की गई हैं। सरकार के प्रवक्ता ने सिद्धार्थ नाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा ने कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि प्राय: देखने को मिल रहा था कि वाहन चालकों द्वारा यातायात नियमों की अनदेखी लगातार बढ़ती जा रही है। एक बार जुर्माना देने के बाद भी उनकी प्रवृत्ति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। इसलिए सरकार ने इस प्रवृत्ति पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए ही जुर्माने की राशि में बढ़ोत्तरी का फैसला किया है। उन्होंने कहा यातायात नियमों के लगातार उल्लंघन की वजह से वाहन दुर्घटनाओं की वजह से बड़े पैमाने पर जन-धन का नुकसान हो रहा है।
प्रवक्ता ने बताया कि इससे पहले अगस्त 2016 में परिवहन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में यातायात अपराध (शमन योग्य) और दंडनीय यातायात अपराधों के लिए अलग-अलग जुर्माने की राशि निर्धारित की गई थी, जिसमें एकरूपता लाने के लिए सरकार ने उस अधिसूचना को रद्द करते हुए अब दोनों श्रेणी के अपराधों के लिए यातायात अपराध के जुर्माने में डेढ़ गुना और दंडनीय अपराधों के जुर्माने में दो से तीन गुना तक वृद्धि करने का फैसला किया है। जल्द ही इससे संबंधित अधिसूचना जारी की जाएगी।
बिना नंबर प्लेट की गाड़ी चलाने पर 300 रुपए के स्थान पर अब 500 रुपए जुर्माना लगेगा। इसी तरह बगैर ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाने और गाड़ी चलाते हुए मोबाइल पर बात करने पर 500 के स्थान पर अब 1000 रुपये जुर्माना चुकाना होगा। इसी तरह बिना हेलमेट के दो पहिया चलाने वाले वाहन चालकों से भी 500 के स्थान पर 1000 रुपये वसूला जाएगा।