आईपीएल 2019: फाइनल में मलिंगा ने पलटी बाज़ी, आखरी ओवर के रोमाँच में मुंबई ने चेन्नई से जीत छीनी

हैदराबाद (एजेंसी)। हर तरह के खेलों में आश्चर्य, झटके और नामुमकिन के मुमकिन होने जैसी चीजें होती हैं। क्रिकेट भी ऐसा ही खेल है जहां हार और जीत सेकंडों में तय होती है। यही वजह है कि क्रिकेट को अनिश्चितताओं का खेल भी कहा जाता है। इसी अनिश्चितता के खेल में एक अप्रत्याशित मोड़ रविवार को हैदराबाद में चेन्नई और मुंबई के बीच आईपीएल फाइनल में देखने को मिला।

मुकाबला कांटे था और मैच अपने आखिरी दौर में पहुंच चुका है। जीत-हार का फासला बाकी बचे 6 गेंद और 9 रनों के बीच होना था। हैदराबाद का राजीव गांधी स्टेडियम जोशीले क्रिकेट प्रेमियों की बेतहाशा भीड़ से खचाखच भरा हुआ और सभी झूम रहे थे। दोनों टीमों के फैंस अपनी-अपनी टीम की जीत की आस लगाए दुआओं के लिए हाथ उठा रखे थे और दुनिया से अलग क्रिकेट के चाहने वाले इस रोमांच को अपनी यादों की दुनिया में बसाने के लिए बेकरार थे।

तभी 20वें ओवर की शुरुआत होती है। चेन्नई सुपर किंग्स को मुंबई इंडियंस पर जीत के लिए 6 गेंदों में 9 रनों की जरूरत होती है। क्रीज पर वाट्सन और जडेजा है। मुंबई इंडियंस फील्डिंग पिच पर है।

रोहित शर्मा ने अपनी कप्तानी का हुनर दिखाया और आखिरी ओवर के लिए लसिथ मलिगां के हाथों में गेंद पकड़ा दी। जैसे ही पहली गेंद फेंकी गई, जीत-हार की उम्मीदों और आशंकाओं के बीच स्टेडियम में सभी की निगाहें गेंद पर थी। मलिंगा की यॉर्कर गेंद वाट्सन के बल्ले से टकराई, लेग स्टंप से निकली। और इस तरह वो अपनी टीम के स्कोर में महज़ एक रन जोड़ पाए।

अब दूसरी गेंद जडेजा को लॉ फुल टॉस दी गई। जडेजा ने गेंद को मलिंगा के पास लौटाया और एक रन मिले। इस तरह दो गेंद में दो रन बने। अब जीत के लिए 4 गेंद में 7 रन की जरूरत थी।

मलिंगा ने एक बार फिर यॉर्कर फेंकी। लेकिन इस गेंद पर वाट्सन दो रन लेने में कामयब हो गए। इस तरह तीन गेंद में 4 रन बन चुके थे। यानि जीत के लिए अगली तीन गेंद में 5 रनों की जरूरत थी।

चौथी गेंद भी यॉर्कर थी। आउट साइड ऑफ में उछलती गेंद को वाट्सन ने डीप प्लाइंट में भगा दिया। एक रन तो बड़ी आसानी से ले ली, लेकिन वाट्सन स्ट्राइक अपने पास रखना चाहते थे और दूसरे रन के चक्कर में पवेलियन भेज दिए गए। अब दो गेंद में 4 रन की जरूरत थी। जीत मुश्किल की ओर बढ़ रही थी, लेकिन नामुमकिन नहीं थी।

वाट्सन के बाद शरदुल ठाकुर बल्लेबाज़ी को आए। मलिंगा ने अपनी पांचवीं गेंद फुल टॉस डाला, जिसपर ठाकुर ने दो रन बनाकर जीत की ओर अपनी टीम के कदम बढ़ा दिए। और इस तरह ये मैच अपन रोमांच के चरम पर पहुंच गया। अब आखिरी गेंद पर जीत-हार की उम्मीदें टिकी थीं।

अब आखिरी पर गेंद पर चेन्नई को जीत के लिए 2 रन की दरकार थी। अगर एक रन भी मिलते तो मैच टाई होता। मलिंगा ने अपनी गेंदबाज़ी का हुनर दिखाया। अब तक तेज गेंद डाल रहे मलिंगा ने आखिरी गेंद स्लो डाला। बल्लेबाज़ शरदुल ठाकुर ने बल्ला जरूर भांजा, लेकिन हवा में। मलिंगा ने एलबीड्ब्लूय की अपील की। और अपंयार मेनन ने अपनी उंगली उठा दी। और इस तरह चेन्नई सुपर किंग से मुंबई इंडियन ने जीत छीन ली। मलिंगा का कमाल था कि आखिरी 6 गेंदों में दो विकेट लिए और सिर्फ सात रन दिए। और सबसे बड़ी बात अपनी टीम को जीत दिला दी।

इस सीजन के 12 मैचों के अंतिम ओवरों में मलिंगा ने 16 विकेट लिए हैं और असल में उनका विकेट लेने, औसत और इकॉनमी रेट का प्रदर्शन साल 2017 के प्रदर्शन से थोड़ा बेहतर था। उन्होंने कुल चार ओवर डाले और उनमें 49 रन देकर सिर्फ एक विकेट लिया।

मुंबई इंडियंस ने एक बार फिर से खुद को साबित कर दिया और चौथी बार इस लीग का खिताब अपने नाम किया। इस सीजन के फाइनल में मुंबई की किस्मत पूरी तरह से उसके साथ रही और धौनी की टीम को एक रन के मामूली अंतर से हार मिली। इस जीत के बाद रोहित की कप्तानी में मुंबई चार बार आइपीएल ट्रॉफी जीतने वाली पहली टीम बन गई जबकि दूसरे नंबर पर तीन बार खिताब जीत चुकी चेन्नई है।

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