नई दिल्ली (एजेंसी)। नोटबंदी के ठीक बाद ई-वॉलेट कंपनी Paytm को सबसे अधिक फायदा मिला था। नोटबंदी में कैश की किल्लत से बचने के लिए चाय वाले, अंडे वाले, दूध वाले से लेकर हर आदमी के मोबाइल में PayTm आ गया था। इसका फायदा लोगों को तो मिला ही लेकिन कंपनी ने भी जमकर मुनाफा कमाया। देखते ही देखते PayTm हर आदमी की पहली पसंद बन गया। इसके बाद कंपनी ने PayTm मॉल का आगाज किया। जब पेटीएम मॉल का आगाज हुआ था तो उसे अपने निवेशक अलीबाबा ग्रुप से संकेत मिला था और उसका मकसद सबके लिए एक डिजिटल दुनिया बनना था। आरंभिक पेशकश के रूप में कंपनी ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कैशबैक देना शुरू किया। जिसका फायदा कंपनी ने भी खूब उठाया। लेकिन, अब इसी कंपनी की मुसीबत बढ़ाने के लिए देश के सबसे बड़ी कंपनी के मालिक मुकेश अंबानी अब नया दांव खेलने जा रहे हैं।
कम मार्जिन और ई-कॉमर्स में बड़ी नकदी के संकट से जूझ रही पेटीएम मॉल ने छोटे विक्रेताओं के लिए ऑनलाइन से ऑफलाइन (ओ-टू-ओ) मंच बनने के लिए अपनी रणनीति बदलना शुरू कर दिया। उधर, इस क्षेत्र में रिलायंस के उरतने की घोषणा वास्तव में पेटीएम और उसके मालिकों के लिए चिंता का सबब बन गई। पिछले साल नवंबर में मेक इन ओडिशा सम्मेलन में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, “रिलायंस दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन-टू-ऑफलाइन न्यू कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाने पर विचार कर रही है। रिलायंस रिटेल के पूरे भारत में 10,000 आउटलेट हैं जिसका रिलायंस को अवश्य लाभ मिलेगा और यह रिटेल क्षेत्र की अन्य कंपनियों के लिए चिंता का सबब होगी।
रिलायंस के पास पूंजी, असीमित क्षमता, व्यापक रिटेल आउटलेट, और संसाधन हैं, जिससे वह प्रतिस्पर्धा को ही समाप्त कर सकती है। मुकेश अंबानी का मकसद देश में रिटेल क्षेत्र में शीर्ष स्थान हासिल करना है और वह यह काम उसी तरह आसानी से कर सकते हैं जिस तरह उन्होंने रिलायंस जियो के लिए किया।
साइबर मीडिया रिसर्च के प्रमुख व सीनियर वाइस प्रेसिडेंट थॉमस जॉर्ज ने एक कदम आगे बढ़कर कहा, “मुझे इस बात में कोई हैरानी नहीं होगी कि भारत में ई-कॉमर्स बाजार में अवसर बनाए रखने के लिए रिलायंस या अलीबाबा का लक्ष्य पेटीएम का अधिग्रहण करना होगा।” अलीबाबा ने कभी भारत के ई-कॉमर्स क्षेत्र में लंबी अवधि की संवृद्धि नहीं देखी इसलिए उन्होंने पैर पसारते डिजिटल भुगतान पर अपना दाव खेला। गूगल और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के अनुसार, भारत का डिजिटल भुगतान क्षेत्र 2020 तक 500 अरब डॉलर का हो जाएगा। पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने ऐसा नहीं सोचा, जिसका नतीजा सामने है। रिलायंस, अमेजन और वालमार्ट-फ्लिपकार्ट को पीछे छोड़ शीर्ष स्थान पर जाने की जुगत में है। उसके मुकाबले में पेटीएम मॉल एक छोटा-सा प्रतियोगी है।