लंदन (एजेंसी)। पंजाब नेशनल बैंक को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वाले हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का अनुरोध ब्रिटिश अदालत में लंबित पड़ा है। भारतीय जांचकर्ताओं ने जो सबूत पेश किए हैं उनपर कोई जांच शुरू नहीं हुई है। नीरव मोदी का मामला वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट कोर्ट में शुरू होने वाला है। ब्रिटिश गृह सचिव साजिद जाविद ने पिछले हफ्ते ही भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को स्वीकार किया है। इससे पहले दो हाई प्रोफाइल मामलों में भी भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर कोई खास नतीजा नहीं निकला है। शराब कारोबारी विजय माल्या और दूसरा क्रिकेट बुकी संजीव चावला। दोनों प्रत्यर्पण के खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंचे हुए हैं। दिसंबर में मजिस्ट्रेट ने माल्या को धोखाधड़ी के मामले में भारत द्वारा लगाए गए आरोप के खिलाफ प्रत्यर्पण मामले के ट्रायल का आदेश दिया था।
चावला मैच फिक्सिंग स्कैंडल में शामिल था। न्यायालय के प्रवक्ता का कहना है कि माल्या के मामले में 14 फरवरी को अपील दायर की गई है। प्रवक्ता ने कहा, ‘अपीलकर्ता (माल्या) को अब अपील के लिए आधार भेजना होगा। जब यह आधार मिल जाएगा तो उसे एक नोटिस भेजा जाएगा। इसके लिए उसे केवल 20 दिनों का समय दिया जाएगा। फिर इस मामले को सिंगल जज के पास भेजा जाएगा जो यह देखेगा कि इसे सुनवाई के लिए लिया जाए या नहीं।’
जाविद ने चावला के प्रत्यर्पण को 27 फरवरी को मंजूरी दी है। चावला को इस आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए 14 कार्यदिवस यानि 19 मार्च तक का समय मिला है। प्रत्यर्पण को रोकने के लिए माल्या और चावला ने जेल की स्थिति और अपने मानवाधिकारों को होने वाले खतरे का हवाला दिया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को लंदन में नीरव मोदी के मामले में बातचीत करनी है जो जाविद के प्रत्यर्पण अनुरोध को मानने के बाद अब उसका ट्रायल शुरू हो जाएगा।