नई दिल्ली(एजेंसी): धनतेरस और दिवाली के मौके पर गोल्ड ज्वैलरी की खरीदारी बढ़ जाती है. लोग इन त्योहारों के अवसर को शुभ मानकर गोल्ड ज्वैलरी खरीदते हैं. लेकिन ज्वैलरी की खरीदारी में कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है. ज्वैलरी खरीदने से पहले ये टिप्स आपके लिए काफी कारगर साबित होंगे-
हॉलमार्क ज्वैलरी सोने की शुद्धता की निशानी है. अलग-अलग कैरेट सोने की ज्वैलरी में सोने की मात्रा भी अलग-अलग होती है. 22 कैरेट गोल्ड ज्वैलरी में 91.6 फीसदी गोल्ड होता है और इसमें BIS (ब्यूरो ऑफ स्टैंडर्ड – जो हॉल मार्क देता है) नंबर 916 होता है. वहीं 23 कैरेट गोल्ड ज्वैलरी में गोल्ड की मात्रा 95.8 फीसदी होती है यानी इसका नंबर 958 होता है. यह नंबर ज्वैलरी पर लिखा होता है.
मेकिंग चार्ज ज्वैलरी में जुड़ा होता है. मेकिंग चार्ज के गोल्ड रेट के हिसाब से जोड़ा जाता है. इसलिए आप गोल्ड ज्वैलरी खरीदते समय फिक्स्ड चार्ज पर जोर दें. इससे आपको ज्वैलरी की कम कीमत चुकानी होगी.
आम खपत के लिए ज्वैलरी मशीन से बनाई जाती हैं. जबकि कुछ ज्वैलरी कारीगरों की ओर से हाथ से बनाई जाती है. मशीन से बनाई ज्वैलरी की कीमत हाथ से बनाई ज्वैलरी की तुलना में कम होती है. लिहाजा यह सुनिश्चित कर लें कि ज्वैलरी हाथ से बनाई गई या मशीन से. ज्वैलर्स से इस संबंध में बात कर आप यह जान सकते हैं. इससे ज्वैलरी खरीदने में कुछ बचत हो सकती है.
कुछ ज्वैलर्स स्टोन और ज्वैलरी में लगी दूसरी चीजें भी इसके साथ तौल देते हैं. इससे ज्वैलरी भारी हो जाती और महंगी हो जाती है. गोल्ड ज्वैलरी पहनते वक्त हमेशा स्टोन या कीमती पत्थरों को हटवा कर वजन कराएं. ज्वैलरी खरीदते वक्त इसका ध्यान रखें.
ज्वैलरी हमेशा प्रतिष्ठित या ब्रांडेड स्टोर से ही खरीदें. छोटे ज्वैलरी स्टोर से सोना खरीदना जोखिम भरा हो सकता है. इन स्टोर्स पर शुद्ध सोना नहीं भी मिल सकता है. इसलिए हमेशा भरोसेमंद और बड़े ब्रांडेड स्टोर से ही गोल्ड ज्वैलरी खरीदने को प्राथमिकता दें. यहां की खरीदारी पर गारंटी मिलती है.