मुंबई (एजेंसी) सुशांत सिंह राजपूत : बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत को इस दुनिया को अलविदा कहे हुए आज पूरे दो महीने हो गए हैं, लेकिन अभी भी उनका परिवार इंसाफ का इंतजार कर रहा है. सुशांत की हत्या हुई या फिर उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाया गया था. इस मामले की सच्चाई सामने आने की जगह उनकी मौत के दो महीने बाद भी अभी तक इस बात पर बहस जारी है कि आखिर इस मामले की जांच कौन करेगा, ऐसे में इसके पीछे की सच्चाई सामने आने में अभी काफी वक्त लग सकता है.
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सुशांत सिंह राजपूत केस में आज सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना फैसला दे सकता है कि इस मामले की जांच कौन करेगा. लेकिन हम आपको दो महीने का घटनाक्रम बता रहे हैं कि आखिर अब तक इस मामले में क्या-क्या पहलू सामने आए हैं. 14 जून को सुशांत सिंह राजपूत अपने घर में मृत पाए गए. करीब दोपहर 1 बजे के आसपास मुंबई पुलिस को बताया गया कि सुशांत ने अपने बांद्रा स्थित घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. शुरुआती जांच में ये कहा गया कि सुशांत सिंह क्रिनिकल डिप्रेशन से गुजर रहे थे. डिप्रेशन के चलते ही सुशांत ने खुदकुशी की. उनका इलाज चल रहा था और उन्होंने बीते कुछ समय से दवा लेना बंद कर दिया था.
सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर निर्देशक शेखर कपूर ने कहा कि वो बेहद परेशान थे, क्योंकि इंडस्ट्री में उन्हें बायकॉट किया जा रहा था. इसके बाद लगातार बात सामने आने लगी कि वो इंडस्ट्री में नेपोटिज्म का शिकार हुए. सोशल मीडिया पर लगातार सुशांत के लिए मुहिम चलाई जाने लगी जिसके बाद मुंबई पुलिस ने नेपोटिज्म को लेकर जांच शुरू की और एक के बाद एक कई नामी लोगों से पूछताछ करनी शुरू की. इसमें संजय लीला भंसाली, रूमी जाफरी जैसे निर्देशकों से भी पूछताछ की.
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मुंबई पुलिस ने इस संबंध में करीब 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ भी की और लगातार नए लोगों को समन भी करती रही. लेकिन इस मामले में नया रुख तब आया जब सुशांत के पिता केके सिंह ने पटना में रिया चक्रर्वती और अन्य के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और धोखाधड़ी के आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई. केके सिंह ने 25 जुलाई को एफआईआर दर्ज कराई और कई संगीन आरोप लगाए जिसमें पैसों को लेकर धोखाधड़ी करने का भी आरोप लगाया.
एफआईआर दर्ज होने के बाद बिहार और मुंबई पुलिस के बीच तनातनी देखने को मिली और इसी बीच ये मुद्दा राजनीतिक रंग लेने लग गया. इसके बाद रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और ये मांग की कि इस मामले को बिहार नहीं बल्कि मुंबई पुलिस को सौंपा जाए. सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील के बीच बिहार सरकार ने इस मामले को सीबीआई को सौंपे जाने की सिफारिश की और केंद्र सरकार ने ये मांग मानी और सीबीआई को मामला सौंप दिया. इस बीच सुशांत मामले में कई नए खुलासे सामने आए जिनमें उनकी मैनेजर दिशा सालियान की खुदकुशी मामले को भी जोड़ा जाने लगा. इसके बाद इस मामले में मनी लॉन्ड्री की जांच के लिए ईडी आगे आई और उन्होंने अपनी जांच शुरू की. ईडी ने रिया चक्रवर्ती उनके भाई और पिता से पूछताछ की. इसके अलावा उनकी मैनेजर श्रुति मोदी और सिद्धार्थ पिठानी से भी पूछताछ की. फिलहाल ईडी के पास किसी के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं लगा है, लेकिन उन्हें कई तरह की अनियमितताएं जरूर मिली हैं. जिसे लेकर ईडी अपनी जांच आगे बढ़ा रही है.
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सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जानें से परेशानी क्यों?
इस केस में रिया चक्रवर्ती की क्या भूमिका रही है?
रिया के बाद इस मामले में सबसे संदिग्ध नाम सिद्धार्थ पिठानी का सामने आया है, उनका इसमें क्या भूमिका रही?
सुशांत की मौत मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस ने दो महीने बाद भी कोई FIR दर्ज क्यों नहीं की?
सुशांत सिंह राजपूत के पिता ने 15 करोड़ के हेरफेर का आरोप लगाया है, कहां हैं वो 15 करोड़ रुपए?
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क्या इस मामले से दिशा सालियान की खुदकुशी मामला भी जुड़ा हुआ है?
बिहार चुनाव के लिए सुशांत की मौत को मुद्दा बनाया जा रहा है?
क्या वाकई सुशांत सिंह की मौत बीमारी के चलते हुई या उन्हें इसके लिए उकसाया गया?
सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी या फिर हुई थी उनकी हत्या?