नई दिल्ली, (एजेंसी)| राज्यसभा बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इसके पहले राज्यसभा ने लेखानुदान, वित्त विधेयक और विनियोग विधेयक को बगैर किसी चर्चा के लोकसभा को लौटा दिए, जबकि दो अन्य विधेयक पारित कर दिए। सरकार विवादास्पद तीन तलाक विधेयक और नागरिकता संशोधन विधेयक पारित नहीं करा सकी।
सदन को अंतिम दिन भी बार-बार स्थगन का सामना करना पड़ा। हालांकि, सदन ने पर्सनल लॉ (संशोधन) विधेयक व संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक को पारित कर दिया।
केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने उपभोक्ता संरक्षण विधेयक को उसपर चर्चा करने और उसे पारित करने के लिए पेश किया। लेकिन, कुछ सांसदों ने इस पर आपत्ति की और इस विधेयक को संघीय स्वतंत्रता का अतिक्रमण बताया। इस विधेयक को पारित नहीं किया जा सका।
बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ था और इसमें 10 बैठकें हुईं। हालांकि, इसका 44 घंटों से ज्यादा समय पश्चिम बंगाल में सीबीआई के कथित तौर पर दुरुपयोग व उत्तर प्रदेश में विश्वविद्यालयी अध्यापकों की नियुक्तियों में 13 पॉइंट रोस्टर, राफेल सौदे, कर्नाटक में कथित तौर पर विधायकों की खरीद-फरोख्त व असम में एनसीआर मुद्दे : नागरिकता संशोधन विधेयक में आपत्ति पर, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग व उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों जैसे मुद्दों पर बर्बाद हुआ।
बजट सत्र के दौरान ऊपरी सदन में सिर्फ 4.9 फीसदी कामकाज हुआ और ज्यादातर समय हंगामे की भेंट चढ़ गया। इस सत्र के दौरान छह सरकारी विधेयक पेश किए गए। किसी भी दिन प्रश्नकाल नहीं चल सका और शून्य काल के दौरान सिर्फ 16 मुद्दे उठाए जा सके।