हैदराबाद: इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भारत बायोटेक के साथ मिलकर भारत की पहली कोविड-19 वैक्सीन तैयार कर ली है. इस वैक्सीन का नाम कोवैक्सीन (Covaxin) है. हैदराबाद के निम्स (NIMS) में इसका ह्यूमन ट्रायल भी शुरू हो गया है. वहीं ICMR ने कई अन्य संस्थानों को भी इस वैक्सीन का ट्रायल करने के लिए पत्र लिखा है. एक शीर्ष चिकित्सक अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल की प्रक्रिया मंगलवार को निज़ाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (NIMS) में शुरू हुई.
NIMS के निदेशक डॉक्टर के मनोहर ने कहा, “हम स्वस्थ व्यक्तियों का चयन करेंगे और रक्त आकर्षित करेंगे. नई दिल्ली में नामित प्रयोगशालाओं में रक्त के नमूने भेजेंगे. वे हरी झंडी दे देंगे तो वैक्सीन के पहले शॉट को उचित अवलोकन दिया जाएगा.”
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में ICMR ने भारत की पहली कोरोना वैक्सीन के लए 12 संस्थानों को पत्र लिखा था. बताया जा रहा है कि इन संस्थानों में पटना एम्स भी शामिल है. इन संस्थाओं को आंतरिक कमिटी से आवश्यक मंजूरी लेने के निर्देश दिए गए हैं. पत्र में निर्देशों का पालन ना करने वालों पर कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी गई है. विशेषज्ञों के मुताबिक, पहले चरण में इस वैक्सीन का कम लोगों पर ट्रायल होगा, लेकिन सफलता मिलने के बाद दूसरे और तीसरे चरण में बड़ी मात्रा में वैक्सीन का ट्रायल होगा.
बता दें कि ICMR ने निर्देश दिए थे कि 07 मई तक कोवैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया जाए. ऐसे में निम्स में शुरू होने वाले पहले चरण में कुल 125 लोगों को इस वैक्सीन के दो डोज़ दिए गए. अगर सफलता मिलती है तो 375 लोगों पर इसका परीक्षण किया जाएगा. 03 अगस्त तक इस वैक्सीन के पहले फेज की सफलता का पता चल जाएगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत बायोटेक के अलावा कई और भारतीय कंपनियों ने भी कोरोना वैक्सीन तैयार कर ली है. इन भारतीय फर्मों में ज़ेडियस कैडिला (Zydus Cadila), पैंसिया बायोटेक (Panacea Biotech) और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) शामिल हैं. ज़ेडियस और सीरम ने ह्यूमन ट्रायल के लिए केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइज़ेशन को आवेदन किया है.