नई दिल्ली(एजेंसी): ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा और उससे जुड़ी गतिविधियों पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. रथयात्रा 23 जून को होनी थी और 10 से 12 लाख लोगों के जमा होने की उम्मीद थी. यह कार्यक्रम करीब 10 दिन तक चलता है. कोर्ट ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए यह आदेश ज़रूरी है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ”अगर हम रथयात्रा को अनुमति नहीं देंगे तो भगवान जगन्नाथ हमें इसके लिए माफ कर देंगे.” कोर्ट ने यह भी कहा कि ”भगवान जगन्नाथ का काम कभी नहीं रुकता है.”
ओडिशा विकास परिषद नाम के संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि राज्य में 30 जून तक धार्मिक स्थलों को बंद रखने का फैसला लिया गया है. लेकिन प्रशासन की तरफ से रथयात्रा को मंजूरी दिए जाने के संकेत मिल रहे हैं. लाखों लोगों के जमा होने से कोरोना के विष्फोटक तरीके से फैलने की आशंका है. इसलिए कोर्ट रथयात्रा पर रोक लगाए. राज्य सरकार से कहे कि वह इस साल यात्रा की अनुमति न दे.
पुरी में नौ दिन तक चलने वाली रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के लकड़ी के बने भारी-भरकम रथों को परंपरागत रूप से दो बार तीन किलोमीटर तक हाथ से खींचा जाता है.