नई दिल्ली(एजेंसी): कोरोना वायरस संकट के कारण जारी लॉकडाउन का देश में कंपनियों पर बेहद गहरा असर देखा जा रहा है और कंपनियों की तरफ से लगातार छंटनी किए जाने या कर्मचारियों की सैलरी घटाने जैसी खबरें आ रही हैं. अब एप बेस्ड टैक्सी सर्विस प्रोवाइडर ऊबर इंडिया ने अपने 600 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की घोषणा कर दी है. ये उसकी कुल वर्कफोर्स का एक चौथाई यानी कुल 25 फीसदी है जो कि काफी बड़ी संख्या कही जा सकती है.
जिन कर्मचारियों को निकाला जा रहा है उनमें ड्राइवर्स से लेकर राइडर सपोर्ट ऑपरेशंस के स्टाफ से लेकर दूसरे कार्यों से जुड़े लोग शामिल हैं. उबर इंडिया के दक्षिण एशिया कारोबार के अध्यक्ष प्रदीप परमेस्वरन ने एक बयान जारी करके ये जानकारी दी है. कंपनी के बयान के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के चलते ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है.
प्रदीप परमेस्वरन ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक कंपनी को ये फैसला लेते हुए बेहद दुख हो रहा है लेकिन ये भविष्य के लिए जरूरी है. अपने सहयोगियों को विदा करने के लिए कंपनी को बेहद दुख है और अपने ड्राइवर्स सहित सभी सहयोगी स्टाफ को उनके अब तक के सहयोग के लिए धन्यवाद करती है.
हालांकि उबर ने जिन लोगों को नौकरी से निकालने का एलान किया है उन्हें कंपनी तीन महीने की सैलरी समेत छह महीने की मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा दे रही है.
पिछले हफ्ते ही उबर इंडिया की पेरेंट कंपनी उबर टेक्नोलॉजीज जो कि एक यूएस-बेस्ड कंपनी है उसने भी अपने कार्यबल में 23 फीसदी कटौती करने का एलान किया था. कोरोना वायरस महामारी के दौरान अपने कारोबारों को मुनाफे बनाए रखने के लिए कंपनी ने ये फैसला लिया है. कंपनी के मुताबिक ये फैसला पहले लिए गए ग्लोबल जॉब कटौती के निर्णय के अंतर्गत ही आता है.
उबर टेक्नोलॉजीज ने कहा कि वैश्विक तौर पर कंपनी की 6700 नौकरियों पर असर देखा जाएगा जिसमें वो 3700 नौकरियां भी शामिल हैं जिन्हें इस महीने के दौरान कम करने का फैसला लिया गया था. अब कंपनी अपने कोर बिजनेस यानी राइड सर्विस और फूड डिलीवरी पर ही ध्यान केंद्रित करेगी.