नई दिल्ली(एजेंसी): भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन फिनिशर्स में माना जाता है. बेहद अलग अंदाज में बड़े और जोरदार शॉट्स लगाने के कारण धोनी ने शुरू में ही अपनी खास पहचान बना ली थी. अपने करियर में धोनी ने कई यादगार पारियां खेलीं, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ लगााया उनका पहला शतक हर किसी के जहन में ताजा रहता है. अब पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने भी कहा है कि उन्होंने धोनी से पहले कभी किसी को ऐसी बल्लेबाजी करते नहीं देखा.
धोनी ने 2004 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की. बांग्लादेश के खिलाफ अपने पहले ही मैच में रन आउट हो गए थे. उस वक्त दूसरे छोर पर कैफ ही थे. टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कैफ ने कहा, “जब वो बांग्लादेश के खिलाफ रन आउट हुए थे तो किसी को उनकी मैच खत्म करने और मैच जिताने की क्षमता के बारे में नहीं पता था.”
कैफ ने धोनी के शुरुआती करियर को याद करते हुए कहा कि उनके पहले 2-3 मैच अच्छे नहीं निकले, लेकिन जल्द ही विशाखापत्तनम में पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने कमाल किया. उस पारी को याद करते हुए कैफ ने कहा, “मैंने बेहद करीब से वो पारी देखी थी और मुझे लग गया था कि ये लंबी रेस का घोड़ा है. ये मानना बेहद मुश्किल था कि कोई अपने करियर की शुरुआत में ही ऐसी पारी खेल सकता है.”
धोनी की ताकत का जिक्र करते हुए कैफ ने कहा, “बॉल पर शॉट मारना एक बात है और पूरी ताकत से गेंद को तहस-नहस कर देना अलग बात है. वो पाकिस्तान अटैक का कत्ल कर रहे थे. मैंने उस वक्त तक किसी को भी ऐसी बैटिंग करते हुए नहीं देखा था. तो साफ है कि उन्हें तीसरे नंबर पर भेजने का फैसला सही था.”
2005 में हुई वनडे सीरीज के इस दूसरे मैच में भारत ने पाकिस्तान को 58 रनों से हरा दिया था और सिर्फ 123 गेंद पर 148 रन बनाने वाले धोनी को मैन ऑफ द मैच चुना गया था. इस मैच ने न सिर्फ धोनी की किस्मत बदल दी, बल्कि भारतीय टीम की विकेटकीपर बैट्समैन को लेकर चल रही लंबी तलाश को भी खत्म कर दिया था.
कैफ ने साथ ही कहा कि उन्होंने धोनी के इंटरनेशनल डेब्यू से पहले ही जान लिया था कि इस खिलाड़ी में कुछ एक्स फैक्टर है. कैफ ने कहा, “मैंने धोनी को पहली बार देवधर ट्रॉफी में देखा था. मैं सेंट्रल जोन का कप्तान था और हम ईस्ट जोन के खिलाफ खेल रहे थे. हमने करीब 360 रन बनाए थे और धोनी तीसरे नंबर पर बैटिंग के लिए आए थे.”
कैफ ने कहा कि धोनी ने सिर्फ 40-50 गेंदों में ही 40-85 रन बना डाले थे. कैफ ने कहा, “उस वक्त ही मुझे एहसास हो गया था कि इसमें वो एक्स फैक्टर है और खेलने का तरीका भी बेहद अलग है और साथ ही खेल की भी बेहतरीन समझ है.”