नई दिल्ली(एजेंसी): मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली cमें इन दिनों निवेशकों की झड़ी लगी हुई है. जहां रिलायंस जिओ में सबसे पहले फेसबुक ने 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. वहीं कुछ दिनों बाद सिल्वर लेक ने रिलायंस जिओ में 1.15 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया था. आज प्राइवेट इक्विटी फर्म विस्टा इक्विटी पार्टनर्स ने 11367 करोड़ रुपए में रिलायंस जिओ प्लेटफॉर्म्स में 2.32 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया है. पिछले 2 सप्ताह के दौरान रिलायंस जिओ प्लेटफॉर्म्स की यह तीसरी बड़ी निवेश डील है.
इस डील के साथ विस्टा इक्विटी फेसबुक के बाद जिओ प्लेटफॉर्म्स में दूसरी बड़ी माइनॉरिटी स्टेकहोल्डर बन गयी है. इस निवेश के लिहाज से जिओ प्लेटफॉर्म्स की इक्विटी वैल्यू 4.91 लाख करोड़ रुपये आंकी गयी है जबकि एंटरप्राइज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ रुपये आंकी गयी है.
फेसबुक ने मुकेश अम्बानी के स्वामित्व वाली रिलायंस की जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड में 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है. इसके लिए फेसबुक ने 43,574 करोड़ रुपये चुकाए हैं. इस हिस्सेदारी के साथ फेसबुक रिलायंस जियो में सबसे बड़ा माइनॉरिटी शेयरहोल्डर हो गया है. इस डील के लिहाज से देखें तो रिलायंस के जियो प्लेटफॉर्म्स की वैल्यू 4.62 लाख करोड़ रुपये आंकी गयी है.
फेसबुक और रिलायंस की इस डील से फेसबुक जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड में सबसे बड़ा माइनॉरिटी शेयरहोल्डर हो गया है. लेकिन, सिल्वर लेक के निवेश के बाद रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स की कीमत और ज़्यादा बढ़ गयी है. सिल्वर लेक के निवेश के बाद जिओ प्लेटफॉर्म्स की इक्विटी वैल्यू 4.90 लाख करोड़ रुपये आंकी गयी है जबकि एंटरप्राइज वैल्यू 5.15 लाख रुपये आंकी गयी है. लेकिन, अब तकरीबन इसी कीमत पर विस्टा इक्विटी ने भी जिओ प्लेटफॉर्म्स में 2.32 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का एलान किया है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने एक बड़ा ऐलान पहले से ही किया हुआ है. रिलायंस ने मार्च 2021 तक कर्ज मुक्त (जीरो नेट डेब्ट) होने का लक्ष्य रखा हुआ है. दिसंबर 2019 के आंकड़ों के हिसाब से देखें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड पर 1.53 लाख करोड़ रुपए का नेट डेट है. इसी क्रम में कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड में 20 फ़ीसदी हिस्सेदारी सऊदी अरामको को लगभग 1,14,000 करोड़ रुपए में बेचने को लेकर बातचीत पहले से ही कर रही है.
बीते सप्ताह ही रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने जिओ प्लेटफार्म में 9.99 फीसदी हिस्सेदारी फेसबुक को 43574 करोड़ रुपए में बेची है. इसके बाद कंपनी ने राइट्स इश्यू के जरिए 53125 करोड़ रुपए जुटाने की कवायद शुरू कर दी है. इस कवायद को कंपनी के कर्ज मुक्त होने की दिशा में ही एक और कदम माना जा रहा है. इसके बाद अब सिल्वर लेक के निवेश के बाद अब हो सकता है कि आने वाले वक्त में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड तेज़ी के साथ कर्ज़ मुक्त होने की दिशा में कई अहम घोषणाएं करे.