शहर का संग्राम 2019 : कांगेस, भाजपा के बड़े नेता उतरे मैदान में
रायपुर (अविरल समाचार). छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में मौसम बदलने से ठंड का अहसास हो रहा हैं. इस ठंड के मौसम में प्रदेश में हो रहे नगरीय निकाय चुनाव ने गर्माहट ला दी हैं. कल प्रचार का अंतिम दिन हैं, दो दिनो से भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बड़े नेता सड़कों पर पसीना बहा रहे हैं. पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिए सभा और रोड़ शो किया. अब पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Dr. Raman Singh) सहित भाजपा के तमाम बड़े नेता सभा और रोड़ शो कर रहे हैं. मगर नगर निगम के सभी बड़े नेता अपने-अपने वार्ड में उलझकर रह गए हैं.
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राजधानी रायपुर (Raipur) में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, विधायक कुलदीप जुनेजा, विकास उपाध्याय अपने क्षेत्र में कांग्रेस के उम्मीदवारों को विजय बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. क्योंकि सभी ने विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल की थी लेकिन लोकसभा में स्थिति बदल गई थी. लोकसभा के परिणामों से यह कह कर बचा जा सकता हैं की मोदी लहर थी. मगर इस बार सभी को अपने क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करना होगा.
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भाजपा से सांसद सुनील सोनी, विधायक एवं चुनाव संचालक बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी, नंदे साहू भी लगातार चारों विधानसभा में सक्रिय हैं. चुनाव संचालक बृजमोहन अग्रवाल लगातार रोड शो और सभा कर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास कर रहें हैं. ताकि उनकी चुनाव जिताऊ नेता की छवि बरकरार रह सकें. हालाकी निकाय चुनाव में वो उतने कारगर नहीं रहे हैं. उनके संचालन में पार्टी ने दो बार हार का भी सामना किया हैं. इस बार देखना होगा की वे परिणाम कितना अपने पक्ष में कर पाते हैं.
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रायपुर राजधानी होने से पुरे प्रदेश की नजर यहाँ पर हैं. रायपुर में महापौर पद के दोनों दलों के दावेदार वार्डों में उलझ गए हैं. यहां तक की वर्तमान महापौर प्रमोद दुबे, सभापति प्रफ्फुल विश्वकर्मा भी केवल अपने वार्ड तक सिमित हो गए हैं उन्हें प्रतिद्वंदी से कड़ी चुनौती मिल रही हैं. वैसे ही भाजपा के संजय श्रीवास्तव, राजीव अग्रवाल, सुभाष तिवारी, कांग्रेस से ज्ञानेश शर्मा, एजाज ढेबर भी कांटे की टक्कर में आ गए हैं. उम्मीद जताई जा रही थी की ये लोग अपने समर्थकों के प्रचार में जायेंगे पर प्रमोद दुबे के अलावा और कोई नहीं निकल पाया दुबे भी एक दो वार्ड में ही जा पाए वो भी केवल कार्यालय उदघाटन में.
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