नई दिल्ली (एजेंसी). नागरिकता संशोधन कानून अब देशभर में लागू हो गया है और इसके खिलाफ पूर्वोत्तर में विरोध चल रहा है. असम से लेकर मेघालय तक हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर गए हैं, इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है. इस बीच हालात पर काबू पाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह भी एक्टिव हो गए हैं. गुरुवार को अमित शाह ने लगातार बैठकें की और स्थानीय नेताओं से मिलकर उन्हें आश्वासन दिया.
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गुरुवार को अमित शाह ने IPFT के अलावा अन्य संगठनों से मुलाकात की. ये सभी त्रिपुरा में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. अमित शाह से मिलकर इन्होंने अपनी चिंताओं को व्यक्त किया, शाह ने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार इनकी दिक्कतों को दूर करेगी.
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त्रिपुरा के शाही परिवार माणिक्य वंश के सदस्य किरीट प्रद्योत देब बर्मन ने गुरुवार को अमित शाह से मुलाकात की, इसके साथ ही उन्होंने TPF की प्रमुख कन्या जमातिया से भी मुलाकात की थी. बता दें कि किरीट प्रद्योत ने अमित शाह से मिलने के बाद ट्वीट किया था कि उन्होंने गृह मंत्री से कहा है कि वह इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
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Met with delegations of IPFT and Joint Movement Against CAB from Tripura and discussed their concerns over CAB. Modi government will try to solve their issues in a positive way.
I thank them for their appeal to maintain peace and call off the strike. pic.twitter.com/v9DUieriZN
— Amit Shah (@AmitShah) December 12, 2019
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गुरुवार को ही केंद्र सरकार ने असम में बढ़ते बवाल के बाद बड़ा एक्शन लिया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से असम कैडर के आईपीएस जीपी सिंह को भेजा गया था, ताकि वह स्थानीय इलाकों में नज़र रख सकें और हिंसा को रोक सकें. अमित शाह ने भी गृह सचिव के साथ बैठक की थी और पूर्वोत्तर के हालात पर समीक्षा की थी.
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अमित शाह से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर असम के लोगों से शांति की अपील की थी. असम में लगातार हिंसक प्रदर्शन हो रहा है और लोग आगजनी भी कर रहे हैं. पीएम ने ट्वीट कर लिखा था कि नागरिकता कानून से असम के लोगों का अधिकार नहीं छिनेगा, ऐसे में वह शांति बनाए रखें. हालांकि, कांग्रेस ने तंज कसा था कि असम में इंटरनेट बंद है इसलिए वो ये ट्वीट ही नहीं पड़ पाएंगे.
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