जम्मू (एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद अब विधान परिषद को खत्म कर दिया। जम्मू-कश्मीर विधान परिषद के सचिव सहित पूरे स्टाफ को 22 अक्टूबर तक सामान्य प्रशासनिक विभाग (जीएडी) में रिपोर्ट करना होगा। राज्य सरकार ने वीरवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 के तहत इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।
जीएडी सचिव मोहम्मद फारूक लोन के हस्ताक्षरित आदेश में जम्मू-कश्मीर व लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश में परिवर्तित करने की प्रक्रिया के तहत जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 (धारा 57) के तहत जम्मू-कश्मीर विधान परिषद को समाप्त कर पूरे परिषद स्टाफ को 22 अक्तूबर तक जीएडी में रिपोर्ट करने के लिए कहा है। अधिकारियों के अनुसार, परिषद के अधिकारी व कर्मचारी नई व्यवस्था के तहत विभिन्न विभागों में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आवश्यकतानुसार स्थानांतरित होंगे।
परिषद में राजपत्रित रैंक से लेकर अर्दली तक करीब 116 अधिकारी और कर्मचारी हैं। जीएडी की अधिसूचना के मुताबिक, राज्य विधान परिषद द्वारा समय-समय पर खरीदे गए सभी वाहन निदेशक एस्टेट मोटर गैराज में स्थानांतरित किए जाएंगे। इसके साथ ही परिषद के सचिव को परिषद की इमारत, फर्नीचार, इलेक्ट्रॉनिक साजो- सामान सहित अन्य उपकरण भी निदेशक एस्टेट विभाग के हवाले करने होंगे।
निर्देश दिया गया है कि वह परिषद सचिवालय और परिषद की कार्रवाई से संबंधित सारे रिकॉर्ड कानून, न्याय एवं ससंदीय मामलों के विभाग को सुपूर्द करें।
62 साल पहले 1957 में संसद पारित एक प्रस्ताव के तहत गठित विधान परिषद के समाप्त होने के बाद अब सिर्फ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा ही रहेगी। उल्लेखनीय है कि पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम पारित कर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में विभाजित कर दिया था। 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर व लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश के रूप मेें देश के नक्शे पर उभरेंगे।
राज्य सरकार द्वारा विधान परिषद के समाप्त करने के आदेश के बाद अब जम्मू-कश्मीर विधान परिषद के 23 सदस्यों की सदस्यता भी समाप्त हो गई है। जम्मू-कश्मीर राज्य विधान परिषद के 36 सदस्य होते थे। इसमें से 13 सदस्य का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। अब विधान परिषद के अन्य 23 सदस्यों की सदस्यता विधान परिषद के समापन के साथ स्वत: ही खत्म हो गई है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 89 सदस्य हैं। इसके अलावा विधानसभा में 25 सीटें गुलाम कश्मीर के लिए भी आरक्षित हैं।
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