20 साल बाद सबसे ज्यादा देर तक चली सदन की कार्यवाही, लोकसभा ने बनाया इतिहास

नई दिल्ली (एजेंसी)। 11 जुलाई 2019 यानि गुरुवार की तारीख देश के संसदीय इतिहास में दर्ज हो गई। 11 जुलाई को शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही लगातार 13 घंटे तक चली। सुबह 11 बजे शुरू होकर लोकसभा की कार्यवाही लगभग मध्यरात्रि 11 बजकर 59 मिनट तक चली। संसदीय इतिहास के पिछले बीस सालों में कल के दिन सबसे ज़्यादा देर तक कार्यवाही चली। इस दौरान प्रश्नकाल और शून्यकाल के अलावा आम बजट में रेलवे से जुड़ी अनुदान मांगों पर चर्चा की गई पर सबसे ज़्यादा समय अनुदान मांगों की चर्चा को दिया गया। सदन की इस ऐतिहासिक बैठक पर सरकार गदगद नज़र आई।

दरअसल लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की पहल पर सभी दलों ने तय किया कि एक ही दिन की सिटिंग में आम बजट में रेलवे मंत्रालय से जुड़ी अनुदान मांगों पर चर्चा पूरी कर ली जाए। ये भी तय किया गया कि चर्चा में ज़्यादा से ज़्यादा सांसदों को बोलने का मौक़ा दिया जाए, कोशिश की जाए कि पहली बार आए सांसदों को प्राथमिकता दी जाए। इसके बाद स्पीकर कार्यालय ने ख़ुद पहल कर सभी पार्टियों के नेताओं को फ़ोन करना शुरू किया। सूत्रों के मुताबिक़ पहली बार चुनकर आए सांसदो को इस चर्चा में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया और उन्हें नाम देने के लिए फ़ोन किए जाने लगे। करीब 90 सांसदों ने बोलने का नोटिस दिया।

इस पूरे मामले पर स्पीकर की तारीफ करते हुए बीजेपी सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, “नए स्पीकर ने सदन का कामकाज बिल्कुल बदल कर रख दिया है। हमारी पत्नी अस्पताल में हैं फिर भी मैं यहां हूं। सभी सांसदों की रुचि है कोई दिक्कत नहीं है।”

अब तक सबसे ज्यादा देर तक लोकसभा की कार्यवाही चलने का रिकॉर्ड 1996 का है। उस समय प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की सरकार बनी थी और रामविलास पासवान तब रेल मंत्री हुआ करते थे। उस साल रेल बजट पर चर्चा 24, 25 और 26 जुलाई को हुई थी। 26 जुलाई यानि चर्चा के आख़िरी दिन सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई जो 27 जुलाई की सुबह 7:10 तक चलती रही। मतलब यह हुआ कि सदन की कार्यवाही लगातार 20 घंटे तक चली।

उस दिन चर्चा में सबसे आख़िरी वक्ता बीजेपी के भानु प्रताप सिंह वर्मा थे जो पहली बार सांसद चुनकर आए थे। भानु प्रताप वर्मा आज भी उत्तर प्रदेश के जालौन से बीजेपी के सांसद हैं। भानु प्रताप सिंह वर्मा कल रात भी लोकसभा में मौजूद रहे। भानु प्रताप वर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा, “1996 में मैं पहली बार सांसद बना था। रुचि है सांसदों की और उत्साहित भी हैं। सभी सांसदों को अपनी बात रखने और क्षेत्र का मुद्दा उठाने का मौक़ा मिला है।”

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का ये पहला संसद सत्र है और राज्यसभा में दो दिनों को छोड़कर सत्र का कामकाज सामान्य से ज़्यादा रहा है। दो दिनों पहले भी आम बजट पर चर्चा के लिए लोकसभा की कार्यवाही रात 11 बजे तक चली थी। कल राज्यसभा की कार्यवाही भी रात 9 बजे तक चली।

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