रायपुर (एजेंसी)। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में करोड़ों की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है। प्रदेश में जीएसटी इंटेलिजेंस विभाग ने फर्जी बिल से घोटाला करने के आरोप में दो आरोपी को गिरफ्तार किया है। विभाग ने आरोपियों से 141 करोड़ रुपये के फर्जी बिल से ट्रांजेक्शन का पर्दाफाश किया है।
केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर सूचना महानिदेशालय की आंचलिक इकाई रायपुर के अधिकारियों ने यह कार्रवाई की है। अधिकारियों ने रायपुर स्थित लोहे के व्यापार में लिप्त श्याम सेल्स कारपोरेशन नामक फर्म के खिलाफ जीएसटी में गड़बड़ी के मामले में संस्था के प्रोपराइटर और पार्टनर को हिरासत में लिया है। अधिकारियों ने फार्म के पार्टनरों आयुष गर्ग और संतोष अग्रवाल को गिरफ्तार किया है।
अधिकारियों ने बताया कि फर्म ने माल की खरीदी ओडिशा से की। माल की खरीदी ओडिशा की ऐसी 12 कंपनियों से अपने अकाउंट में दर्शाया है जो असल में अस्तित्व में ही नहीं है। फार्म ने कुल 141 करोड़ के स्टील आइटम जैसे टीएमटी चैनल्स इत्यादि की खरीदी दिखाई है। इसमें 21 करोड़ का जीएसटी शामिल है, ऐसी फर्जी खरीद के आधार पर पार्टी ने गैरकानूनी रूप से करीब 21 करोड़ का टैक्स गबन किया गया है।
अधिकारियों ने बताया फर्म ने जिन-जिन गाड़ियों के गाड़ियों के माध्यम से संबंधित माल के परिवहन को दर्शाया है असल में उसमें से कई दोपहिया वाहन है, ऐसे सभी वाहन प्रत्यक्ष रूप से इतना भारी मांग का परिवहन नहीं कर सकता। व्यापारी फर्म ने ओडिशा से रायपुर राजमार्ग पर जिन वाहनों से माल का परिवहन जिन समय पर बताया है, उसे जांच करने पर पाया गया कि असल में वह सभी वाहन उस मार्ग में स्थित टोल से गुजरे ही नहीं।
इसी कड़ी में अधिकारियों ने हरमन के बैंक स्टेटमेंट भी खंगाले, जिससे उजागर हुआ कि इस खरीदी का भुगतान संबंधित पार्टियों को नहीं किया गया कई पार्टियों को भुगतान किए गए, लेकिन उनका असल में किसी भी प्रकार का व्यापार नहीं हुआ है। इस फर्म ने कुछ ही महीनों में व्यापारिक गतिविधियों से जीएसटी और आईटीसी की सुविधा का गलत तरीके से उपयोग कर केंद्रीय राजस्व में लगभग 21 करोड़ की कर हानि पहुंचाई है। आरोपियों के खिलाफ जीएसटी में गड़बड़ी का मामला दर्ज किया गया है। कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। जहां से दोनों आरोपियों को 2 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया, मामले की जांच जारी है।