शिमला (एजेंसी)। एचआइवी की गलत रिपोर्ट देने से 22 वर्षीय महिला की कोमा में जाने के बाद मौत मामले में मुख्यमंत्री ने विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान टिप्पणी की। मुख्यमंत्री ने मामले में 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट देने का आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह बात रोहड़ू के कांग्रेस विधायक मोहनलाल ब्राक्टा द्वारा प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के तहत उठाए मामले के जवाब में कही।
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में जांच के आदेश दिए और जांच रिपोर्ट में निजी क्लीनिक की गलत रिपोर्ट पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। रोहड़ू के डोडरक्वार की 22 वर्षीय महिला जांच के लिए प्राइवेट क्लीनिक में गई थी, जहां पर उसे एचआइवी पॉजिटिव बताया गया और शिमला रेफर किया गया। शिमला में उसका उपचार किया गया और जब जांच की गई तो एचआइवी पॉजिटिव नहीं पाई गई। लेकिन एचआइवी पॉजिटिव होने की रिपोर्ट के सदमे से महिला कोमा में चली गई थी, जिसके बाद उसकी आइजीएमसी में मौत हो गई।
महिला की कुछ दिन पहले रोहडू के निजी अस्पताल ने एक मरीज को एड्स की पॉजीटिव रिपोर्ट दे दी थी। 22 वर्षीय महिला को परिजन बीमारी की हालत में इलाज के लिए अस्पताल लाए थे। महिला के सभी टेस्ट करवाए गए थे। इसके बाद निजी अस्पताल के डाक्टरों ने महिला को शिमला ले जाने की सलाह परिजनों को दी। इसमें कहा कि महिला मेंं खून की काफी कमी है। उनको टेस्ट रिपोर्ट्स भी दी, जिसमें महिला को एचआइवी पॉजीटिव बताया गया था। परिजन महिला को ऑपरेशन के लिए केएनएच ले आए। महिला का ऑपरेशन हुआ और उन्हें बाद में तबीयत बिगडऩे के बाद आइजीएमसी लाया गया। आइजीएमसी के डॉक्टरों ने महिला के पति का एचआइवी टेस्ट करवाया तो रिपोर्ट नेगटिव आई। इसके बाद दोबारा से महिला का टेस्ट हुआ तो रिपोर्ट नेगटिव पाई गई। महिला के भाई ने आरोप लगाया कि निजी अस्पताल की गलत टेस्ट रिपोर्ट के कारण उनकी बहन डिप्रेशन में चली गई थी। यही उसकी मृत्यु का कारण बना। मामले की शिकायत निदेशक स्वास्थ्य और अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य को भेज दी गई।