हाईस्कूल और इंटर में लड़कियों ने मारी बाजी, यहां देखें- टॉपर की लिस्ट

लखनऊ : कोरोना काल में यूपी बोर्ड की सालों पुरानी परंपरा टूट गई है. यूपी बोर्ड के इतिहास में पहली बार  हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा का लखनऊ से जारी किया गया है. यूपी के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने लखनऊ के लोकभवन से रिजल्ट जारी करते बताया कि पिछले साल से बेहतर रिजल्ट रहा है. बता दें कि इससे पहले तक यूपी बोर्ड के 10वीं और 12वीं के रिजल्ट प्रयागराज स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से ही जारी होते थे.

इस बार हाईस्कूल का रिजल्ट 83.31 फीसदी रहा.  हाईस्कूल में 89.88  फीसदी लड़की और 87.29 फीसदी लड़के पास हुए हैं. 12वीं में 74.63 फीसदी परीक्षार्थी पास हुए. 68.88 फीसदी लड़कों और 81.26 फीसदी लड़कियां पास हुई.

बागपत के श्रीराम एसएम अंतर कॉलेज बड़ौत की रिया जैन ने हाईस्कूल में टॉप किया है. रिया ने 96.67% नंबरों के साथ राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया है. हाई लखपेड़ाबाग बाराबंकी के अभिमन्यु वर्मा 95.83% अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. वो श्री साईं इंटर कॉलेज के छात्र हैं. बाराबंकी के सद्भावना इंटर कॉलेज के योगेश प्रताप सिंह 95.33% अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.

श्रीराम एसएम अंतर कॉलेज बड़ौत बागपत के अनुराग मलिक 97% अंकों के साथ 12वीं में टॉप पर रहे. प्रयागराज के एसपी इंटर क़लेज सिकरो की  प्रांजल सिंह 96% अंकों के साथ दूसरे और श्री गोपाल इंटर कॉलेज औरैया के उत्कर्ष शुक्ला 94.80 फीसदी अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.

10वीं रिजल्ट
80.07%- 2019
83.31%- 2020

12वीं रिजल्ट
70.06%- 2019
74.63%- 2020

रिजल्ट जारी करते हुए डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि 1923 में बोर्ड की जब शुरुआत हुई तो इंटर में 5 और हाईस्कूल में 5500 परीक्षार्थी थे. उन्होंने बताया कि इस साल 5610819 परीक्षार्थी पंजीकृत थे. इनमें से 5257135 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी. उन्होंने बताया कि पिछले साल से बेहतर रिजल्ट रहा है. हमने नकल विहीन परीक्षा के लिए कई बड़े कदम उठाए.

उन्होंने कहा कि इस बार इंटरमीडिएट में भी कम्पार्टमेंट का प्रावधान कर रहे हैं. पहली बार डिजिटल प्रमाण पत्र भी जारी किया जाएगा. उन्होंने बताया कि डिजिटल माध्यम का अंकपत्र एडमिशन में भी मान्य होगा. 15 जुलाई से हाईस्कूल और 30 जुलाई के आसपास इंटर की ओरिजिनल मार्कशीट देना भी शुरू कर देंगे.

उन्होंने बताया कि इस बार  7783 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. हमने पारदर्शी व्यवस्था लागू की. 2017 के मुकाबले इस बार 3631 केंद्र कम किए गए हैं. हमने व्यवस्था को बदला है. महज 12 दिन और 15 दिन में परीक्षा खत्म कर दी गई. उन्होंने कहा कि पहले मास कोपिंग होती थी, अब ऐसा नहीं है. हमने NCERT का पाठ्यक्रम लागू किया है. हमने मेधावियों को लैपटॉप और एक लाख देना शुरू किया है. टॉपर के नाम पर सड़क बनवा रहे हैं.

परीक्षार्थी अपना रिजल्ट बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट upresults.nic.in पर देख सकेंगे. इसके साथ ही upmsc.edu.in पर भी रिजल्ट देखा जा सकेगा.

बता दें कि इस साल यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में कुल 56 लाख 11 हजार 72 परीक्षार्थी पंजीकृत थे. जिसमें चार लाख 80 हजार 591 परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षा में शामिल  नहीं हुए. हाईस्कूल की परीक्षा के लिए कुल 30लाख 24 हजार 632 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे, जिसमें 2 लाख 79 हजार 656 परीक्षार्थी परीक्षा में नहीं बैठे. वहीं, इंटरमीडिएट में 25 लाख 86 हजार 440 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे, जिसमें 2 लाख 935 परीक्षार्थियों ने परीक्षा नहीं दी.

इस साल हाईस्कूल में 27 लाख 44 हजार 976, जबकि इंटरमीडिएट में 23 लाख 85 हजार 505 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी. हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में कुल 51 लाख 30 हजार 481 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए.

कोरोना संकट के चलते इस बार छात्रों को डिजिटल अंक पत्र और प्रमाण पत्र दिए जाएंगे. अंक और प्रमाण पत्र को वेबसाइट से डाउनलोड कर स्कूलों से छात्रों को  वितरित किए जाएंगे. डिजिटल अंक पत्र और प्रमाण पत्र तीन दिनों के अंदर स्कूलों के प्रधानाचार्य के माध्यम से छात्रों को मिल जाएगा.

बता दें कि इससे पहले साल 2003 और 2007 में  हाईस्कूल परीक्षा का परिणाम लखनऊ निदेशक कार्यालय से जारी हुआ था. हालांकि, टरमीडिएट का परिणाम बोर्ड मुख्यालय से ही घोषित हुआ था. बोर्ड से जुड़े पुराने अधिकारियों का कहना है कि ऐसा यूपी बोर्ड के सचिव और सभापति में टकराव के चलते किया गया था. हालांकि, कोरोना काल में पहली बार 10वीं और 12वीं दोनों के रिजल्ट एक-साथ लखनऊ से जारी किए जा रहे हैं.

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