सुप्रीम कोर्ट में LIC के खिलाफ याचिका, ‘जीवन सरल पॉलिसी’ के ज़रिये धोखाधड़ी करने का आरोप

नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) पर ‘जीवन सरल पॉलिसी’ के लिए बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। मालूम हो कि एलआईसी की इस पॉलिशी के लुभावने ऑफर के कारण लाखों लोगों ने इस पॉलिसी पर निवेश कर रखा है। मनीलाइफ फाउंडेशन द्वारा दायर इस जनहित याचिका में जीवन सरल पॉलिसी को तत्काल वापस लेने की गुहार की है। याचिका में कहा गया कि एलआईसी ने जीवन सरल बीमाधारकों को गुमराह किया है और उनके साथ धोखाधड़ी की है।

याचिका में यह दावा किया गया कि बीमाधारकों ने 10 या उससे अधिक वर्ष के लिए जो प्रीमियम दिया है, उन्हें इसका आधा रिटर्न मिल रहा है। याचिका में आरोप लगाया गया कि इस पॉलिशी को मनमाने तरीकेसे तैयार किया गया। गलत व गुमराह करने वाले प्रपोजल फार्म बेचे गए। इस बारे में बड़ी संख्या में शिकायतें भी की गई हैं।

गुरुवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता संगठन से सवाल किया कि आपने किस हैसियत से यह याचिका दायर की है। पीठ ने पूछा, आखिर पीड़ित पक्ष कहां हैं?

इस पर याचिकाकर्ता संगठन मनीलाइफ फाउंडेशन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अरविंद दत्तार ने कहा कि बीमाधारक संगठित नहीं हैं। वह व्यक्तिगत हैसियत से याचिका दायर करने की स्थिति में नहीं हैं।

दत्तार ने पीठ से गुहार की कि वह इस मामले में कुछ अतिरिक्त दस्तावेज अदालत के समक्ष रखना चाहते हैं। जिसके बाद पीठ ने सुनवाई 15 जुलाई तक के लिए टाल दी।

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