नई दिल्ली (एजेंसी). सीनियर सिटिजन्स : बैंक एफडी की ब्याज दरों में कटौती और स्मॉल सेविंग्स स्कीमों में ब्याज न बढ़ने से इनमें पैसा लगाने वाले बुजुर्गों को नुकसान हो रहा है. चूंकि बुजुर्गों के पास कमाई के नाम पर रिटायरमेंट ही एक मात्र फंड होता है इसलिए बैंक डिपोजिट, एफडी और छोटी बचत योजनाओं के ब्याज में कटौती चिंता की बात है. ऐसे में उनके सामने कॉरपोरेट एफडी में पैसा लगा कर बैंक एफडी और स्मॉल सेविंग्स स्कीमों के ब्याज से ज्यादा रिटर्न कमाने का विकल्प मौजूद है.
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हाई रेटिंग वाली महिंद्रा फाइनेंस, बजाज फाइनेंस एचडीएफसी और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस ने अपने कॉरपोरेट एफडी पर 30 से 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. बैंक एफडी की ब्याज दरों में कटौती और स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स की ब्याज दरें स्थिर रखने के फैसले के बाद अब तीनों निवेश माध्यमों की ब्याज दरों में काफी कम अंतर रह गया है. कुछ मामलों में डाक विभाग की बचत योजनाएं इससे अच्छा रिटर्न दे रही हैं.हालांकि बैंक और एनबीएफसी बैंकिंग कंपनियों दोनों की एफडी पर ब्याज कटौती हुई है और दोनों के बीच अंतर कम रह गया है. लेकिन टैक्स दायरे में न आने वाले बुजुर्गों के लिए कॉरपोरेट एफडी अब भी फायदे का सौदा है.
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उदाहरण के लिए पांच साल के एफडी पर एसबीआई 6.2 फीसदी ब्याज दे रहा है, वहीं एलआईसी 6.35 फीसदी ब्याज दे रही है. बजाज फाइनेंस 7.35 और महिंद्रा फाइनेंस 7.50 फीसदी ब्याज दे रही हैं. कॉरपोरेट एफडी या डिपोजिट अकाउंट ऑनलाइन खोला जा सकता है. साथ ही इसमें आप ब्याज के पेमेंट की अवधि चुन सकते हैं.ऐसे वक्त में जब ब्याज दरें लगातार कम हो रही हैं तो हाई रेटिंग वाले कॉरपोरेट डिपोजिट में पैसा लगा सकते हैं. हालांकि अपनी होल्डिंग से दस फीसदी से ज्यादा पैसा इनमें न लगाएं.
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