नई दिल्ली(एजेंसी): भारत सरकार ने 1 जून को 7.75 फीसदी इंटरेस्ट वाले बॉन्ड को बंद कर दिया था. सेविंग्स टैक्सेबल बॉन्ड्स को बंद करने का विरोध भी हुआ. अब सरकार ने 1 जुलाई से फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड जारी किया है. इस पर 7.15 फीसदी का ब्याज रखा गया है.1 जुलाई से फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बांड्स 2020 जारी हो गया है. ऐसे वक्त में जब सभी निवेश इंस्ट्रूमेंट्स पर ब्याज लगातार कम हो रहा है तो फ्लोटिंग रेट बॉन्ड पर 7.15 फीसदी का ब्याज अच्छा रिटर्न है. इस बॉन्ड पर हर छह महीने में रिटर्न मिलेगा.
सात साल की अवधि वाले इस बॉन्ड में कम से कम से एक हजार रुपये का निवेश करना होगा. निवेश एक हजार के मल्टीपल में होगा. निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है.इस बॉन्ड पर फ्लोटिंग रेट इंटरेस्ट मिलेगा जो हर छह महीने यानी एक जून और एक जुलाई को बदलता रहेगा. यह नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट के रेट से जुड़ा होगा जो इससे 35 बेसिस प्वांइंट से अधिक तक जा सकता है. अगर एनएससी पर 6.82 फीसदी के दर से ब्याज मिल रहा है तो फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स अगले 6 महीनों के लिए 6.80 पर 0.35 फीसदी अधिक यानी 7.15 इंटरेस्ट देंगे.
बॉन्ड पर ब्याज यानी कूपन रेट के हिसाब से छह महीने पर मिलेगा. यानी 1 जनवरी और 1 जुलाई को. ये बांड उन रिटेल निवेशकों के लिए बढ़िया निवेश है जो अपने निवेश की ज्यादा सुरक्षा और रेगुलर इनकम चाहते हैं.जैसा कि नाम से जाहिर है कि यह टैक्स सेविंग बॉन्ड नहीं है. बॉन्ड पर मिलने वाले ब्याज से होने वाली कमाई पर इनकम टैक्स देना होगा. ब्याज की आय पर टीडीएस (TDS) लगेगा. हालांकि निवेशकों के पास 15G/H जमा कराने का विकल्प है.
यह बांड किसी भी सरकारी बैंक से खरीदा जा सकता है. इसके अलावा आईसीआईसीआई, आईडीबीआई, एक्सिस और एचडीएफसी जैसे प्राइवेट बैंकों में भी यह उपलब्ध है. बॉन्ड सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक रूप में खरीदा जा सकता है. बॉन्ड खरीदते ही यह निवेशक के बॉन्ड लेजर अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा. इसे कैश देकर भी खरीद सकते हैं लेकिन इसके जरिये 20 हजार रुपये से अधिक की खरीदारी नहीं कर सकते. ड्रॉफ्ट, चेक और इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट मोड से भी बॉन्ड खरीदा जा सकता है.