नई दिल्ली(एजेंसी): आने वाले एक-दो सप्ताह में लोगों को प्याज के बढ़े दामों से राह मिल सकती है. मार्केट में प्याज की सप्लाई बढ़ाने के लिए नैफेड ने 15 हजार टन आयातित प्याज का ऑर्डर दिया है. इस संबंध में बोलीदाताओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है. सरकार के इस कदम से प्याज के दाम गिरना तय माना जा रहा है. पिछले कुछ दिनों से सरकार की ओर से उठाए कदम और सप्लाई बढ़ने प्याज के दाम में आई तेजी और नहीं बढ़ी है.
आने वाले एक-दो सप्ताह प्याज के दाम बढ़ने की संभावना इसलिए जताई जा रही है कि एशिया की सबसे बड़ी थोक मंडी लासलगांव में इस सप्ताह प्याज के औसत भाव में करीब 50 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. सोमवार को लासलगांव मंडी में प्याज की अधिकतम कीमत 3,811 रुपये और न्यूनतम कीमत 1,100 रुपये प्रति क्विंटल और औसत कीमत 3,000 रुपये प्रति क्विंटल थी. पिछले सप्ताह यहां प्याज की औसत कीमत 5,300 रुपये, अधिकतम कीमत 6,191 रुपये और न्यूनतम कीमत 1,060 रुपये थी. रिपोर्टों के मुताबिक लासलगांव में लाल प्याज की औसत कीमत गिरकर 2,451 रुपये प्रति क्विंटल रह गई है.
थोक बाजार में कीमतें गिरने का असर मुंबई में खुदरा कीमतों में गिरावट के तौर पर दिखा. यहां एक सप्ताह पहले 80 से 120 रुपये किलो बिकने वाला प्याज गिर कर 45 से 70 रुपये किलो पर आ गया . अब हर दिन प्याज की थोक और खुदरा कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है. महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और अन्य राज्यों से रबी के पुराने स्टॉक और खरीफ के नए स्टॉक की सप्लाई से से प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगी है.
इस बीच यूपी-दिल्ली में अफगानिस्तान का प्याज आना शुरू हुआ है. इससे भी दाम में नरमी के आसार हैं. मध्य प्रदेश और राजस्थान से सस्ता प्याज आने के कारण भी दाम में कमी की संभावना जताई जा रही है. हालांकि अभी ग्राहकों को महंगे प्याज से निजात नहीं मिली है. लेकिन यह स्थिति एक-दो सप्ताह में ही बदल सकती है. इसकी सबसे बड़ी लासलगांव में प्याज के दाम में कमी और दूसरे सेंटरों से प्याज की सप्लाई में बढ़ोतरी है. बाहर से प्याज मंगाने के सरकार के फैसले का भी असर दिखेगा.