संघ प्रमुख मोहन भागवत का ट्रंप पर अप्रत्यक्ष हमला, कहा विकसित देश व्यापार बढाने अपनी शर्ते मनवाते हैं

राष्ट्रवाद शब्द का इस्तेमाल ना करें : मोहन भागवत

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा है कि राष्ट्रवाद शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. भागवत ने इसकी वजह यह बताई है कि अगर लोग राष्ट्रवाद शब्द का प्रयोग करते हैं तो इसका मतलब नाज़ी या हिटलर का राष्ट्रवाद होता है.

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दरअसल मोहन भागवत झारखंड के रांची स्थित मोहारबादी में आयोजित ‘संघ समागम’ में हिस्सा लेने पहुंचे थे और तभी उन्होंने ये बातें कहीं. भागवत ने कहा,” राष्ट्रवाद शब्द का उपयोग मत कीजिए. नेशन कहेंगे चलेगा, नेशनल कहेंगे चलेगा, नेशनलिटी कहेंगे चलेगा, नेशनलिजम मत कहो. नेशनलिजम का मतलब होता है हिटलर का निजावाद” भागवत ने कहा कि भारत को बनाने में हिन्‍दुओं की जवाबदेही सबसे अधिक है. हिंदू अपने राष्‍ट्र के प्रति और जिम्‍मेदार बनें. उन्होंने कहा कि ‘हिंदू’ भारत के सभी धर्मों का प्रतिनिधित्व करता है और उन्हें एक सूत्र में जोड़ता है.

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विकसित देश व्यापार बढ़ाने के लिए अपनी शर्तें मनवाना चाहते हैं

मोहन भागवत ने कहा कि RSS का विस्तार देश के लिए है क्योंकि भारत को विश्वगुरू बनाना हमारा लक्ष्य है. डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना भागवत ने कहा कि विकसित देश क्या करते हैं, वो अपने व्यापार को हर देश में फैलाना चाहते हैं. इसके जरिए वो अपनी शर्तों को मनवाना चाहते हैं.

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दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने हाल में ही महात्मा गांधी के विचारों की प्रमाणिकता को समझाया था. उन्होंने कहा कि जब गांधी आंदोलन किया करते थे और उस दौरान कोई गड़बड़ी होती थी तो उसकी जिम्मेदारी वे स्वयं लेते थे, उसका प्रायश्चित करते थे. लेकिन आज कल के आंदोलनों की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है. आंदोलन के दौरान यदि कोई पीटता है या फिर किसी को कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाना होता है तो सिर्फ प्रायश्चित और जिम्मेदारी उसी को लेनी होती है.

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