रायपुर (अविरल समाचार) : कोरोना वैक्सीन अभी तक बनी नहीं है और लगाने के लिए केंद्र ने राज्यों से प्लान मांगा है। केंद्र ने को इसके लिए चलाए जाने वाले अब तक के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के लिए तैयारियां करने को कहा है। इसके तहत वैक्सीनेशन कार्यक्रम को तेज गति से पूरा करने के लिए प्लान मांगा गया है। राज्य शासन से पूछा गया है कि उनके पास कर्मचारियों की संख्या कितनी है? कितनी मात्रा में वैक्सीन जरूरी होगी? वैक्सीन के स्टोरेज ट्रांसपोर्ट के लिए सभी जरूरी बंदोबस्त को लेकर भी एक असेसमेंट प्लान मांगा गया है। कोरोना वैक्सीन को दूसरी वैक्सीन के साथ रखा जा सकता है या नहीं? या इसके लिए नये वॉक इन फ्रिज या वॉक इन कूलर सिस्टम बनाने होंगे, ये भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। दूसरी वैक्सीन से अलग रखने के निर्देश मिलने पर उसी के हिसाब से तैयारियां की जाएगी। ये तैयारी वैक्सीन आने के पहले करनी होगी। चूंकि ये टीका नया होगा, इसलिए इसको लगाने और साइड इफैक्ट जैसे हालात को रोकने के लिए टीकाकरण करने वाले स्टॉफ को ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
आमतौर पर पोलियो जैसे बच्चों के टीकाकरण अभियान में हर साल लाखों बच्चों को दवा दी जाती है। कई वर्षों से लगातार अभियान चलने के कारण हेल्थ का पूरा अमला इसमें दक्ष है। अभी जानकारी मिल रही है उसके अनुसार कोरोना वैक्सीनेशन हर आयु वर्ग के लिए होगा। एक अनुमान के मुताबिक 2.87 करोड़ वाले हमारे प्रदेश में करीब 70 लाख से ज्यादा टीके की खेप आ सकती है।
टीकाकरण के अब तक हुए सभी अभियानों में छत्तीसगढ की साख एक मॉडल स्टेट के तौर पर है। यहां तक कि देश से पहले छत्तीसगढ़ पोलियो मुक्त हो गया था। नेटवर्क की बात करें तो प्रदेश में टीकाकरण का बेहतर नेटवर्क है।
“प्रदेश के टीकाकरण नोडल के तौर पर 17 साल के लंबे तजुर्बे के आधार पर कह सकता हूं कि महामारी के दौर में भारत का कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम पूरी दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा। इसके मुताबिक हमें छोटी से बड़ी तैयारियां वक्त रहते हुए करनी होंगी।”
4 जगहों पर स्टोरेज का इंतजाम : रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर और जगदलपुर
नए स्टोरेज बनाने में खर्च : 25 से 50 लाख
कूलिंग गाड़िया : दर्जन भर से ज्यादा जरूरी होंगी
थर्मो बॉक्स : एक 1500 से 3000 तक हजारों नग लेने होंगे।
छोटे सेंटर में फ्रिज – एक नग 15 से 50 हजार तक
प्रदेश में रायपुर, अंबिकापुर, बिलासपुर और जगदलपुर में वैक्सीन के बड़े स्टोरेज हैं। शहरों के अलावा दूर दराज के 23 हजार गांवों तक टीका पहुंचाने के लिए एक बड़ा रणनीतिक प्लान भी बनाया जा रहा है। इसमें कोल्ड चैन को मेंटेन रखने जैसे बिंदुओ पर फोकस भी किया जा रहा है। एक वॉक इन कूलर या फ्रिज को बनाने में 25 से 50 लाख तक का खर्च आता है। केंद्र सरकार ने इस पर भी बिंदुवार जानकारी मांगी है।
“केंद्र के साथ कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम पर चर्चा चल रही है़। राज्य से इसके लिए प्रारंभिक असेसमेंट प्लान मांगा गया है। सभी बिंदुओं को लेकर हमने तैयारियां शुरू कर दी है।”