लंदन (एजेंसी)। लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर रविवार रात सुपरओवर में 16 रन बचाते हुए इंग्लैंड ने पहली बार विश्व कप जीता। लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंचने वाली न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड के सामने 242 रन का लक्ष्य रखा था। जवाब में इंग्लैंड भी निर्धारित 50 ओवर्स में 241 रन बनाकर मैच टाई कर दिया।
विश्वकप में पहली बार कोई खिताबी मुकाबला सुपर ओवर में पहुंचा। सुपरओवर में मैच जाने के बाद इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड के सामने 16 रन का लक्ष्य रखा था, यहां पर भी स्कोर टाई ही रहा, लेकिन ज्यादा बाउंड्री लगाने के चलते इंग्लैंड मुकाबले को विजेता घोषित किया गया। इंग्लैंड ने पूरे मैच में 26 बाउंड्री लगाईं और न्यूजीलैंड ने 17 बाउंड्री।
इससे पहले न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की 50 ओवर में 8 विकेट पर 241 रन बनाए। इंग्लैंड की टीम भी 50 ओवर में 241 रन ही बना सकी। मैच का फैसला सुपर ओवर में हुआ। नाबाद 84 रन बनाने वाले बेन स्टोक्स प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए।
27 साल बाद फाइनल में पहुंचने वाली इंग्लैंड ने 1992 में ग्राहम गूच की कप्तानी में फाइनल खेला था, लेकिन इमरान खान की कप्तानी वाली पाकिस्तान ने उसे विजेता की ट्रॉफी नहीं उठाने दी थी और पहली बार चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया था। मगर इस बार इंग्लिश टीम ने अपनी सरजमीं पर खिताब जीतकर फैंस को खुश होने का मौका दिया।
खिताब जीतने के बाद इयोन मॉर्गन ने विलियमसन और उनकी टीम की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘मैं केन और उनकी टीम को बधाई देना चाहूंगा, जिस तरह का उदाहरण उन्होंने पेश किया वह काबिले तारीफ है। इस मुश्किल विकेट पर जहां हर किसी के लिए रन बनाना कठिन था, वहां बटलर और स्टोक्स ने साझेदारी की, मुझे लगा था कि यही हमें आगे ले जाएगी और यही हुआ।
मॉर्गन ने आगे कहा, ‘ये चार साल का सफर था और हमें इस तरह के विकेट पर खेलने में परेशानी होती थी। आज जीतने के बाद लगता है यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात है। इस जीत का पूरा श्रेय सुपर ओवर में शानदार प्रदर्शन करने वाले जोस बटलर और बेन स्टोक्स) को जाता है। इसके अलावा जोफ्रा आर्चर ने जीत में अहम भूमिका निभाई। वह लगातार प्रदर्शन करते आ रहे हैं। मैं सभी को इस खिताबी जीत का धन्यवाद देना चाहूंगा।’
कीवी कप्तान केन विलियमसन को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट से नवाजा गया। विलियमसन को सचिन तेंदुलकर ने प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब दिया।