राहुल के इस्तीफ़े की खबर ख़ारिज, कांग्रेस की पराजय का असर, जानिए किसने दिया इस्तीफ़ा

नई दिल्ली (एजेंसी)। पहले खबर थी कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने CWC की बैठक में अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की। हालांकि सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्यसमिति ने इस्तीफा ठुकरा दिया। लेकिन कांग्रेस के सूत्र ने कहा कि राहुल गांधी के इस्तीफे की खबर आधारहीन है। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल ने अब तक बोला नहीं है। फिलहाल सारे नेता अपनी बात रख रहे हैं। राहुल गांधी सबसे अंत में बोलेंगे।

लोकसभा चुनाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने बेहद खराब प्रदर्शन किया है। राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी पूरे देश में कुल मिलाकर महज़ 52 सीटें ही जीत पाई है। पार्टी की इस बड़ी हार का असर अब नेताओं के इस्तीफे के तौर पर सामने आने लगा है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने यूपी में पार्टी के खराब प्रदर्शन की ज़िम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेजा है। यूपी में इस बार कांग्रेस सिर्फ एक सीट (सोनिया गांधी की रायबरेली सीट) ही जीतने में कामयाब हो पाई। राज बब्बर इस बार फतेहपुर सीकरी से चुनावी मैदान में थे, उन्हें भी करारी हार का सामना करना पड़ा है। गौरतलब है कि राज बब्बर को साल 2016 में यूपी विधानसभा चुनाव से पहले अध्यक्ष पद दिया गया था।

अमेठी में कांग्रेस की हार के बाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष योगेंद्र मिश्र ने भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेजा दिया है। योगेंद्र ने अपने इस्तीफे पर लिखा, “मैं लोकसभा चुनाव वर्ष 2019 में संसदीय क्षेत्र-अमेठी से कांग्रेस के हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमिटी-अमेठी के पद से इस्तीफा देता हूं।”

ओडिशा में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने भी शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफे की घोषणा की। आपको बता दें कि ओडिशा में 21 सीटों में से कांग्रेस सिर्फ एक सीट जीत सकी है, जबकि विधानसभा की 146 सीटों में से पार्टी को नौ सीटों पर ही जीत मिली है।

ओडिशा में पार्टी के खराब प्रदर्शन की ज़िम्मेदारी लेते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और ओडिशा कांग्रेस कैंपेन कमिटी के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। भक्त चरण दास कालाहांडी से चुनावी मैदान में भी थे। उन्होंने अपनी हार के बाद ईवीएम टैंपरिंग का भी आरोप लगाया है। भक्त चरण दास ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि कांग्रेस का मैनिफेस्टो लोगों तक सही तरीके से नहीं पहुंच पाया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक कांग्रेस कैंपेन कमिटी के अध्यक्ष एच के पाटिल ने भी लोकसभा चुनाव में करारी हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

Related Articles