नई दिल्ली (एजेंसी)। लोकसभा चुनाव 2019 में सेना के नाम पर राजनीति कर वोट मांगने को लेकर पूर्व सैनिकों की चिट्ठी पर घमासान मच गया है। पत्र को लेकर राष्ट्रपति भवन ने कहा है कि इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति भवन की ओर से कहा गया है कि हमने मीडिया में ही ऐसी खबर देखी है कि पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है। लेकिन, अभी तक हमें ऐसी कोई चिट्ठी नहीं मिली है।
वहीं दो पूर्व सैन्य अधिकारियों ने दावा किया है कि उन्होंने इस तरह की कोई भी चिट्ठी पर हस्ताक्षर नहीं किया है। जिनमें पूर्व जनरल एसएफ रोड्रिग्स और पूर्व एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी शामिल हैं।
दरअसल, पूर्व सैनिकों की ओर से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखी गई एक चिट्ठी सामने आई है जिसमें 156 पूर्व सैनिकों का नाम है। इस चिट्ठी में लिखा है, “महोदय हम नेताओं की असामान्य और पूरी तरह से अस्वीकृत प्रक्रिया का जिक्र कर रहे हैं जिसमें वह सीमा पार हमलों जैसे सैन्य अभियानों का श्रेय ले रहे हैं और यहां तक कि सशस्त्र सेनाओं को मोदी जी की सेना बताने का दावा तक कर रहे हैं।”
पूर्व जनरल एसएफ रोड्रिग्स ने कहा, “मेरा 42 साल का कार्यकाल पूरी तरह से राजनीति से दूर रहा है। मैंने हमेशा देश को पहले देखा है। मुझे नहीं पता कि कौन व्यक्ति ऐसा है जो इस तरह का फेक न्यूज फैला रहा है।” पूर्व जनरल एसएफ रोड्रिग्स एक जुलाई 1990 से लेकर 30 जून 1993 तक थल सेना प्रमुख रहे थे।
वहीं इस मामले को लेकर पूर्व एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने कहा, “किसी भी तरह के ऐसे पत्र पर मैंने हस्ताक्षर नहीं किया है। उस पत्र में जो कुछ भी लिखा गया है, उससे सहमत नहीं हूं।” एनसी सूरी साल 31 जुलाई 1991 से लेकर साल 1993 तक वायु सेना प्रमुख के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
वहीं पूर्व नेवी चीफ विष्णु भागवत ने मीडिया से कहा कि “हाँ मैंने सेना के दुरुपयोग को लेकर राष्ट्रपति को खत लिखा। विष्णु भागवत एक अक्टूबर 1996 से लेकर 30 दिसंबर 1998 तक नेवी चीफ के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।