नई दिल्ली (एजेंसी)। राजस्थान में पिछले साल के आखिरी में हुए विधानसभा चुनाव में जीत के साथ वापसी करने वाली कांग्रेस सूबे में खाता खोलने में भी असफल रही है। अब इस बड़ी हार का ठीकरा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर फोड़ा जा सकता है। पिछले दिनों कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में राहुल गांधी ने बेटे वैभव गहलोत को टिकट दिलाने को लेकर अशोक गहलोत पर सवाल उठाए। उसके बाद राजस्थान कांग्रेस के नेताओं ने भी गहलोत की मुश्किलें बढ़ा दी है। कई मंत्रियों और विधायकों ने मांग की है कि इस चुनावी शिकस्त के लिए जवाबदेही तय करने के साथ कार्रवाई होनी चाहिए।
इन सब के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट दिल्ली में डटे हुए हैं। कल राहुल गांधी ने अशोक गहलोत को मिलने का समय नहीं दिया था। माना जा रहा है कि गहलोत पर इस्तीफे का दबाव है, जिसके लिए गहलोत तैयार नहीं हैं।
गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जोधपुर से चुनाव लड़े थे और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जबकि गहलोत जोधपुर में अपने बेटे के पक्ष में प्रचार के लिए कई दिनों तक डंटे रहे थे। उन्होंने 130 सभाएं की जिसमें से 93 सिर्फ अपने बेटे के समर्थन में किये। सूत्रों के मुताबिक, इन्हीं वजहों से राहुल गांधी ने नाराजगी जताई।