राजस्थान: कर्ज़ में डूबे किसान ने की खुदखुशी, सुसाइड नोट में बताया गहलोत और पायलट को ज़िम्मेदार

श्रीगंगानगर (एजेंसी)। राजस्थान के श्रीगंगानगर में कर्ज में डूबे एक किसान ने खुदकुशी कर ली है। किसान ने अपने सुसाइड नोट में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। सुसाइड नोट में किसान ने लिखा है कि मेरी मौत का मुकदमा अशोक गहलोत पर कर देना। गांव ठाकरी के रहने वाले किसान ने कल जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी।

मृतक किसान ने गहलोत सरकार की तरफ से कर्ज माफी का वादा पूरा न करने को अपनी मौत की वजह बताई है। मृतक किसान सोहन कड़ेला 45 साल के थे। सोहन कड़ेला को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में लाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। पुलिस ने मृतक के शव को सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है।

इससे पहले सोहनलाल की तरफ से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी वायरल किया था, जिसमें लिखा गया था कि सारी उम्र कोई जीने की वजह नहीं पूछता, लेकिन मौत के बाद सब पूछते हैं कैसे मरे। ग्रामीणों की तरफ से सोहनलाल की तरफ से लिखा गया सुसाइड नोट पुलिस को सौंप दिया गया है।

“मैं आज अपनी जीवन लीला समाप्त करने जा रहा हूं। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। इस मौत के जिम्मेदार गहलोत और सचिन पायलट हैं। उन्होंने बकायदा बयान दिया था कि 10 दिन में आपका कर्ज माफ कर देंगे। हमारी सरकार आई तो अब इनके वादे का क्या हुआ। सभी किसान भाइयों से विनती है कि मेरी लाश जब तक मत उठाना जब तक सभी किसानों का कर्ज माफ ना हो। आज सरकार को झुकाने का वक्त आ गया है। अब इनका मतलब निकल गया है। सभी भाइयों से विनम्र निवेदन है कि सब किसान भाइयों के लिए मरने जा रहा हूं। सबका भला होना चाहिए किसान की एकता को आज दिखाना है। मेरी मौत का मुकदमा अशोक गहलोत पर कर देना। मेरे गांव ठाकरी के वासियों से भी विनती करता हूं कि गांव में एकता बनाए रखना। मेरा घर मेरा परिवार आप लोगों के भरोसे छोड़ कर जा रहा हूं। मेरे परिवार का ख्याल रखना एक बात और अब की बार सरपंची गांव में रखना। यह विनती है मेरी। आपका सोहन लाल कड़ेला।”

बता दें कि पिछले साल दिसंबर में राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था। राज्य में सरकार बनने के बाद गहलोत सरकार ने फैसला किया था कि किसानों का कॉपरेटिव बैंक का पूरा कर्जा माफ होगा। इतना ही नहीं गहलोत सरकार ने वादा किया कि कमर्शियल और ग्रामीण बैंकों से लिया गया किसानों का 2 लाख तक का अल्पकालीन कृषि कर्ज भी माफ किया जाएगा। बावजूद इसके कर्जमाफी को लेकर गहलोत सरकार पर सवाल खड़े होते रहे हैं।

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