नई दिल्ली (एजेंसी)। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भीड़ हिंसा, सांप्रदायिक धुव्रीकरण और देश में बढ़ते हिंसक अपराधों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ सालों से देश परेशान करने वाली विचारधारा का गवाह बन रहा है। बढ़ती असहिष्णुता, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, कुछ समूहों द्वारा फैलाई गई हिंसा के कारण बढ़ती हिंसक घटनाएं और भीड़ हिंसा की केवल हमारी राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचा रही हैं।’
राजीव गांधी की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि निहित स्वार्थ दोनों तरह के बाहरी और आंतरिक- उकसाना, सांप्रदायिक जुनून को बढ़ावा देना और हिंसा केवल भारत को विभाजित कर रहे हैं। मनमोहन सिंह ने कहा कि यह ट्रेंड शांति, राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सद्भाव के विरुद्ध हैं जोकि हमारे संविधान के निहित उद्देश्यों को पोषित नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम सभी को यह प्रतिबिंबित करने की आवश्यकता है कि हम इन प्रवृत्तियों को दूर करने में कैसे योगदान दे सकते हैं।’
राजीव गांघी को याद करते हुए सिंह ने कहा, ‘हमारे राष्ट्र की एकता और अखंडता से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है। भारत अविभाज्य है। धर्मनिरपेक्षता हमारे राष्ट्रवाद का आधार है। यह सहिष्णुता से कहीं अधिक है। सद्भाव के लिए सक्रिय प्रयास करने होंगे। कोई भी धर्म नफरत और असहिष्णुता का प्रचार नहीं करता है। देश में पिछले कुछ सालों से परेशान करने वाले ट्रेंड चल पड़े हैं। भीड़ अपने हाथों में कानून ले रही है जिससे कि हमारी राजनीतिक छवि खराब हो रही है।’