बंगलुरु (एजेंसी)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री स्थानीय मीडिया द्वारा उनपर और उनके परिवार पर शोज के अंतर्गत तंज कसे जाने को लेकर नाराज हैं। मीडिया में कांग्रेस-जेडीएस (जनता दल सेक्युलर) के भविष्य को लेकर आने वाली अटकलों से भी वह नाखुश हैं। इसपर एचडी कुमारस्वामी का कहना है कि हमें गलत तरीके से चित्रित करने की वजह से मीडिया को नियंत्रित करने का कानून लाया जाएगा। रविवार को मैसूरू में पत्रकार प्रसन्ना कुमार की लिखी दो किताबों का विमोचन करते हुए उन्होंने कहा, ‘आप हमें गलत तरीके से दिखाकर किसकी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं? मैं इसे नियंत्रित करने के लिए एक कानून पेश करने के बारे में विचार कर रहा हूं। हास्य के नाम पर वह राजनेताओं का अपमान कर रहे हैं। राजनेताओं के प्रति आपकी क्या राय है? आप राजनेताओं को क्यों लक्षित करते हैं? किसने आपको बिना किसी आधार के नेताओं को गलत तरीके से दिखाने का अधिकार दिया है?’
मीडिया का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जिस तरीके से न्यूज चैनल काम कर रहे हैं मैं उससे बहुत दुखी हूं। मैं उनसे इन दिनों दूर रहता हूं। जैसा वह चाहते हैं उन्हें
वैसा करने दीजिए। चैनलों को कहानियों पर रचनात्मक समाचार प्रसारित करने से पहले विचार करना चाहिए।’ दिलचस्प बात यह है कि कुमारस्वामी खुद एक कन्नड़ न्यूज चैनल कस्तूरी न्यूज के मालिक हैं। जिसे उनकी पत्नी और विधायक अनीता कुमारस्वामी संचालित करती हैं।
पिछले साल मई में सत्ता में आने के बाद से ही कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन को लेकर कई तरह की खबरें सामने आती रहती हैं। मीडिया ने कई मौकों पर सरकार के गिरने की सूचना दी है। जबकि कुमारस्वामी और उनके गठबंधन नेताओं ने इन रिपोर्ट्स को केवल अटकलें बताया है।
उन्होंने कहा, ‘मैं साफतौर पर कहना चाहता हूं कि न्यूज चैनलों ने टीवी के मनोरंजन चैनलों को हटा दिया है और वह सीरियल के एपिसोड्स की तरह खबरों को चला रहे हैं। मैं इसे देख रहा हूं और आपके द्वारा बनाए गए फिक्शन का आनंद उठा रहा हूं।’ यह बात उन्होंने जनवरी की रिपोर्ट को लेकर कही जिसमें बताया गया था कि सरकार के दर्जनों विधायक विपक्षी पार्टी भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान कुमारस्वामी परिवार के तीन सदस्य मैदान में उतरे हैं। स्थानीय चैनलों के लिए मुख्यमंत्री का परिवार आलोचना और व्यंग्य का पसंदीदा विषय बन गया है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के दो उम्मीदवार प्रताप सिम्हा और तेजस्वी सूर्या बंगलूरू की स्थानीय अदालत से मीडिया के खिलाफ गैग आर्डर लेकर आए थे। इसके लिए उन्होंने कुछ रिपोर्टों का हवाला दिया था जो प्रथम दृष्ट्या मानहानिकारक थीं।