भोपाल (एजेंसी). मध्य प्रदेश में व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) घोटाला मामले में आज 30 दोषियों को 7-7 साल की सजा सुनाई गई. वहीं मुख्य ब्रोकर प्रदीप त्यागी को 10 साल की सजा सुनाई गई. साल 2013 में व्यापम के तहत आरक्षक (कॉन्स्टेबल) भर्ती के लिए परीक्षा हुई थी. इस मामले में गड़बड़ी पाई गईऔर सीबीआई की विशेष अदालत के जज एसबी साहू ने 21 नवंबर को 31 आरोपियों को को दोषी करार दिया था. आज सजा का एलान किया गया.
आरोपियों के वकील रहे अखिलेश श्रीवास्तव ने बताया कि 30 आरोपियों को धारा 419, 420, 421 समेत अन्य धाराओं में सजा सुनाई गई है. वहीं मुख्य ब्रोकर प्रदीप त्यागी को धारा 467 और 471 के तहत सजा सुनाई गई है. आरोपी पक्ष के वकील अखिलेश श्रीवास्तव ने परीक्षा में हुई गड़बड़ी की वजह व्यापम के अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार को बताया है.
सजा पाने वाले अधिकांश आरोपी भिंड, मुरैना और कानपुर के रहने वाले हैं. आरक्षक भर्ती मामले की पहली प्राथमिकी इंदौर के राजेंद्र नगर थाने में दर्ज की गई थी. उसके बाद यह मामला एसटीएफ और फिर सीबीआई के पास पहुंचा. सीबीआई ने इस परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में 31 लोगों को आरोपी बनाया था. इस मामले में गवाही साल 2014 से शुरू हुई और पांच साल तक गवाही चली.