इंदौर (एजेंसी)। मध्य प्रदेश के इंदौर में नगर निगम अधिकारियों को बैट से पीटने वाले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश को कोर्ट ने 11 जुलाई तक जेल भेज दिया है। वहीं, कल आकाश विजयवर्गीय की गिरफ्तारी के विरोध में जेल के बाहर गौरव नाम के एक युवक ने घासलेट डालकर खुदकुशी करने की कोशिश की। इससे पहले कि वह खुद को आग लगा पाता, वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने फौरन उसे रोका और उसके शरीर पर पानी डालकर उसे काबू में किया। आकाश पर कल जर्जर मकान ढहाने गई इंदौर नगर निगम की टीम के साथ विवाद के दौरान मारपीट करने का आरोप है।
इस मामले में पुलिस ने बीजेपी विधायक और 10 अन्य लोगों पर गंभीर कानूनी प्रावधानों के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया है। आकाश नवंबर 2018 में विधानसभा चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने। इंदौर की एसएसपी रुचिवर्धन मिश्रा ने बताया कि आकाश विजयवर्गीय और 10 अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 353 (लोक सेवक को भयभीत कर उसे उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिये उस पर हमला), 294 (गाली-गलौज), 323 (मारपीट), 506 (धमकाना), 147 (बलवा) और 148 (घातक हथियारों से लैस होकर बलवा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
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एसएसपी ने बताया कि नगर निगम की टीम गंजी कम्पाउंड क्षेत्र के जिस जर्जर मकान को ढहाने गयी थी, वहां रहने वाली महिलाओं ने पुलिस को आवेदन देकर आरोप लगाया है कि शहरी निकाय के कुछ कर्मचारियों ने उनके घर में जबरन घुसकर उनसे अभद्रता की। इस आवेदन पर जांच के बाद उचित कदम उठाये जायेंगे। नगर निगम के भवन निरीक्षक धीरेंद्र बायस ने एमजी रोड पुलिस थाने में दर्ज करायी रिपोर्ट में कहा कि वह सरकारी दल-बल के साथ खतरनाक रूप से जर्जर मकान को ढहाने पहुंचे, तो बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने मौके पर पहुंचकर उन्हें कथित तौर पर धमकाते हुए वहां से चले जाने को कहा।
भवन निरीक्षक धीरेंद्र बायस ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि आकाश ने नगर निगम की टीम से कहा कि वह जर्जर मकान को ढहाने की कार्रवाई नहीं होने देंगे और अगर यह टीम 10 मिनट के भीतर मौके से रवाना नहीं हुआ, तो उसे मार-पीटकर भगा दिया जायेगा। निगम अधिकारी ने कहा कि इस धमकी को अनसुना कर जब टीम जर्जर मकान ढहाने की तैयारी कर रही थी, तभी वह क्रिकेट का बैट लेकर आये और उसे बैट से पीटना शुरू कर दिया।
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शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आकाश के समर्थकों ने भी इस अधिकारी और नगर निगम के अन्य कर्मचारियों से मारपीट और गाली-गलौज की। इसके साथ ही, नगर निगम की अर्थ मूविंग मशीनों और जीपों में तोड़-फोड़ की। उधर, आकाश ने आरोप लगाया, “नगर निगम के अधिकारी मकान मालिकों से सांठ-गांठ कर शहर के पक्के मकानों को बेवजह जर्जर घोषित कर तोड़ रहे हैं, ताकि इनमें सालों से रह रहे लोगों को जबरन बाहर निकाला जा सके। पक्के मकानों को ढहाये जाने के बाद सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं द्वारा इन जगहों पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। हम इस बात का विरोध कर रहे थे।”