भोपाल (एजेंसी)। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक अजीब मामला सामने आया जब पति-पत्नी घर के काम के बटवारे को कानूनी मान्यता दिलाने के लिए जिला विधिक प्राधिकरण पहुंचे। 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर दंपती ने लिखा था कि शनिवार और रविवार पति घर का काम करेगा और पत्नी बाहर का। किसी एक के बीमार पड़ने पर परिवार के लिए होटल से खाना आएगा। प्राधिकरण के सचिव न्यायधीश आशुतोष मिश्रा ने दंपती के आपसी समझौते का सम्मान करते हुए इस केस को जिला अदालत भेजने की बात कही है। इससे समझौते पर कानूनी मान्यता मिल सकेगी।
जिला विधिक प्राधिकरण में अभी तक महिलाएं पति और ससुराल पक्ष के खिलाफ शिकायत लेकर पहुंचती थीं। लेकिन, इस मामले को देख सब हैरान हैं जिनका आपसी विवाद खुद के बनाए कुछ समझौते के जरिए खत्म हो रहा है।
न्यायधीश आशुतोष मिश्रा के अनुसार, ‘पति और पत्नी दोनों निजी कंपनी में एक्जीक्यूटिव पोस्ट पर हैं। दोनों की शादी 10 साल पहले हुई थी। लेकिन, घर के काम को लेकर दोनों के बीच विवाद रहने लगा। जिसे दूर करने के लिए उन्होंने आपस में कुछ शर्तों के आधार पर समझौता कर लिया। इस समझौते को तोड़ने पर दोनों ने खुद के लिए सजा का प्रावधान भी किया है।’
इन शर्तों के अनुसार, हफ्ते के पांच दिन पत्नी खाना बनाएगी और घर की देखभाल के साथ बच्चों का होमवर्क भी कराएगी। शनिवार और रविवार को यही काम पति को करना होगा। दोनों पक्ष एक दूसरे के माता-पिता से संबंधित कोई छींटाकशी नहीं करेंगे।
ऑफिस में लेट घर पहुंचने की सूचना दो घंटे पहले एक-दूसरे को देना होगी, ताकि कोई एक घर पहुंचकर बच्चों को संभाल सके। दोनों अपने माता-पिता के लिए भरण पोषण की राशि अपने इच्छानुसार दे सकेंगे।
बच्चों के भविष्य के लिए दोनों अपने अकाउंट से कुछ राशि जमा कराएगें। बच्चों के स्कूल में होने वाली पैरेंट मीटिंग को भी पति-पत्नी एक-एक माह अटेंड करेंगे। यदि दोनों में कोई भी एक यात्रा पर जाएहा तो इसकी सूचना दूसरे को 5 दिन पहले देनी होगी। दोनों घर का खर्च बराबर बाटेंगे। खरीदे गए मकान को या तो संयुक्त रूप से दोनों के नाम से होगा या बच्चों के नाम से।