रायपुर (एजेंसी). छत्तीसगढ़ में होने वाली मध्य क्षेत्रीय परिषद (इंटर स्टेट काउंसिल मीटिंग) की 22वीं बैठक में भाग लेने के लिए गृह मंत्री अमित शाह रायपुर पहुंच चुके हैं। उनके स्वागत के लिए राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हवाई अड्डे पर पहुंचे। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल समेत तमाम आला नेताओं ने उनकी अगुवानी की. बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री इस एक दिवसीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेंगे।
क्षेत्रीय परिषद केंद्र और राज्यों के बीच एक ऐसा मंच है जहां वे सुरक्षा, उद्योग और ऊर्जा आदि से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार एवं अनुभव साझा करते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री के पहले एयरपोर्ट पहुंचे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मीडिया से बातचीत करते हुए दो टूक कहा है कि केंद्र सरकार जिस कोआपरेटिव फेडरलिज्म की बात करती है, इसका उदाहरण आज हम सब इस बैठक में देखेंगे. कोआपरेटिव फेडरलिज्म के बगैर देश चल नहीं सकता. देश की सबसे बड़ी आवश्यकता है कि केंद्र और राज्य के बीच समन्वय बना रहे. कमलनाथ ने कहा कि बहुत सारे ऐसे मुद्दे होते हैं, जो केंद्र और राज्य के बीच टकराव का कारण बनते हैं. इससे देश को न केवल हानि होती है, बल्कि इससे देश ठीक ढंग से चल नहीं सकता. मध्यप्रदेश सरकार की ओर से श्रीलंका में सीता मंदिर बनाए जाने के प्रस्ताव पर कमलनाथ ने कहा कि यह हमारा प्रस्ताव है कि हम वहां सीता जी का भव्य मंदिर बनवाए. कल ही हमने इस विषय पर चर्चा की है. इस पर जल्द काम शुरू हो सके, इसकी हम कोशिश कर रहे हैं.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मध्य क्षेत्रीय परिषद के उपाध्यक्ष हैं और इस कार्यक्रम के मेजबान भी। इस कार्यक्रम में राज्य सरकारों के दो मंत्री, मुख्य सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में हिस्सा लेंगे।
राज्यों के आंतरिक मसलों का मुद्दा भी इस बैठक में गूंजेगा. उत्तरी छत्तीसगढ़ की सीमा में यूपी कन्हार बांध बना रहा है, जिसका छत्तीसगढ़ लंबे समय से विरोध कर रहा है. इस बांध से राज्य के कई गांव डूबान क्षेत्र में आ रहे हैं. मुमकिन है कि यह मसला भी बैठक में उठेगा. इसके अलावा नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में केंद्र और राज्य के बीच बेहतर समन्वय बनाते हुए नई रणनीति तैयार की जा सकती है. चर्चा है कि बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल केंद्रीय बलों के डिप्लायमेंट चार्जेस 6300 करोड़ रूपए माफ करने, गर्मी के दिनों में नक्सल आपरेशन तेज करने के लिए 9 नई बटालियन जल्द भेजे जाने की मांग उठा सकते हैं.
परिषद, केंद्र और क्षेत्र के सदस्य राज्यों से जुड़े मुद्दों को देखती है। ये परिषद अंतर-राज्यीय तथा केंद्र एवं सदस्य राज्यों के बीच के मतभेदों को दूर करने का प्रभावी मंच हैं। राज्यों को पांच क्षेत्रों में बांटा गया है और हर क्षेत्र की एक परिषद होती है जिसमें हर राज्य के मुख्यमंत्री, दो मंत्री और मुख्य सचिव होते हैं। मध्य क्षेत्रीय परिषद की पिछली बैठक 24 सितंबर, 2018 को लखनऊ में हुई थी।