मध्यप्रदेश के 11 में से चार जिलों में शुरू हुआ एमडीए अभियान
भोपाल (अविरल समाचार). मध्यप्रदेश में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए आज से महाअभियान चलाया जाएगा। इसके तहत राज्य के प्रभावित 11 जिलों में से चार जिलों उमरिया, पन्ना, कटनी, टीकमगढ़ में घर-घर जाकर फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने रविवार को मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एम.डी.ए) कार्यक्रम का वर्चुअल उद्घाटन किया। स्वास्थ्य विभाग, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज ने सहयोगी संस्थाओं विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल के साथ फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चरणबद्ध तरीके से एमडीए अभियान चला रही है।
मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री चौधरी ने कहा कि फाइलेरिया, जिसे हाथीपांव भी कहा जाता है, एक घातक रोग है जो कि मच्छर के काटने से फैलता है। फाइलेरिया के संक्रमण से सभी को, खासतौर से बच्चों को खतरा है लेकिन इसकी रोकथाम संभव है। सामुदायिक भागीदारी से ही हाथीपांव को हराकर कर हम अपने बच्चों को उज्जवल भविष्य की ओर ले जा सकते हैं। राज्य सरकार के इस अभियान में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कोविड-19 के मानकों का पालन करते हुए दो गज की दूरी का पालन करते सभीको घर-घर जा कर निःशुल्क दवाइयां खिलाई जायेगी। यह दवायें पूरी तरह से सुरक्षित हैं। 2 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को छोड़कर, सभी को स्वास्थ्य कर्मी के सामने एमडीए दवाओं का सेवन करना है। वर्चुअल उदघाटन का संचालन करते हुए ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज के निदेशक अनुज घोष ने फाइलेरिया रोग से पीड़ित मरीज की पीड़ा को वीडियो के जरिए दिखाया।
राइस बाउल सिस्टम से खिलाएंगे दवा : शर्मा
विश्व स्वास्थ्य संगठन की राज्य एनटीडी समन्वयक डॉ. मंजू लता शर्मा कहा कि फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इसका इलाज न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है। उन्होंने कहा कि राज्य में राइस बाउल सिस्टम से दवा खिलाया जाएगा। कोविड-19 के मानकों का पालन करने के लिए लोगों को उनके घर की साफ और धुली कटोरियों में ही चम्मच से दवा डालकर किसी स्थान पर रख दी जाएगी और लाभार्थी को अपने सामने दवा खिलाई जाएगी।
राज्य कार्यक्रम अधिकारी वेक्टर बोर्न डिसीसेस डॉ. हिमांशु जायसवार ने बताया कि भारत को 2021 तक फाइलेरिया मुक्त करने की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए राज्य के 4 जिलों उमरिया, पन्ना, कटनी और टीकमगढ़ में एम.डी.ए. कार्यक्रम 6 दिसम्बर से चरणबद्ध तरीके से शुरू किया गया। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के सभी सुरक्षा सावधानियाें को ध्यान में रखते हुए अभियान चलाया जाएगा।
एमडीए को बनाएं जन आंदोलन : अग्रवाल
स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. संजय अग्रवाल ने कहा कि आबादी के अंतिम छोर तक रहने वालों को गुणवत्ता परक स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभता से उपलब्ध कराने के अथक प्रयास किए जा रहें हैं। उन्होंने कहा कि जन-सहभागिता के बिना अपेक्षित सफलता नहीं मिलती। उन्होंने लोगों से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एम.डी.ए.) कार्यक्रम को जन-आन्दोलन बनाने की अपील की।