मकर संक्रांति 2022 : पंचांग के अनुसार 14 जनवरी 2022, शुक्रवार को मकर संक्रांति है. इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेगे. मकर संक्रांति के दिन से ही मौसम में बदलाव आरंभ हो जाता है. माना जाता है कि मकर संक्रांति से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती है. सर्दी कम होने लगती है. आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. दत्तात्रेय होस्करे से कि कब लगेगा पुण्यकाल, कैसे करें भगवान सूर्य की उपसना और क्या हैं मंत्र.
शास्त्रों में सूर्य देव को संसार का मित्र बताया गया है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान महादेव के तीन नेत्रों में से एक नेत्र को सूर्य की उपमा दी गई है. इस संसार में सूर्य देव ही है जो प्रत्यक्ष हमें दिखाई देते हैं.
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मकर संक्रांति का दिन सूर्य पूजा के लिए सबसे अच्छा माना गया है. सनातन धर्म में पंचदेव उपासना है, सर्वोपरि भगवान गणेश उपासना, शिव उपासना, विष्णु उपासना, देवी दुर्गा उपासना और सूर्य उपासना. किसी भी देव की उपासना से पूर्व सूर्य उपासना अति आवश्यक है. मान्यता है कि बिना सूर्य की आराधना करें किसी भी पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है. सूर्य भगवान की पूजा और अर्घ्य नित्य देना चाहिए. भगवान सूर्य अर्घ्य प्रिय हैं. सूर्य की पूजा प्रतिदिन करने पर बल दिया गया है. मकर संक्रांति के से दिन सूर्य उपासना भी आरंभ कर सकते हैं.
सूर्यनारायण को अर्घ्य जलाशय, नदी इत्यादि के आस-पास देना चाहिए. यदि जलाशय या नदी तक रोज नहीं पहुंच सकते तो साफ-सुथरी भूमि में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. घर की छत या बालकनी जहां से सूर्य दिखाई दें, वहां खड़े होकर सूर्य पूजन कर सकते हैं.
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शास्त्रों के अनुसार सूर्य भगवान को अर्घ्य देते समय दोनों हाथों की अंजलि के माध्यम से देना चाहिए लेकिन अर्घ्य देते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि हाथ की तर्जनी उंगली और अंगूठा एक-दूसरे से न छुए. ऐसा होने की स्थिति में पूजा का कोई फल नहीं मिलता है क्योंकि इस मुद्रा को राक्षसी मुद्रा कहा गया है.
तांबे या कांसे का लोटा प्रयोग अर्घ्य देने का प्रावधान है. गंगाजल, लाल चंदन, पुष्प इत्यादि जल में डालना चाहिए. इससे जल की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है. सूर्य को तीन बार अर्घ्य देना चाहिए और प्रत्येक बार अर्घ्य देते समय प्रत्येक बार परिक्रमा करनी चाहिए. ऐसा करने से ईश्वर की हमेशा आप पर कृपा बनी रहती है और उनके आशीर्वाद से सभी कार्य पूरे होते हैं.
सूर्य को अर्घ्य देने का मंत्र-
ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।
इस समय रहेगा पुण्यकाल
मकर संक्रांति 2022 14 जनवरी पौष मास शुक्ल पक्ष द्वादशी शुक्रवार को पुण्यकाल दोपहर 2:25 बजे से लेकर 4:30 बजे तक हैं. इस दौरान दान-पुण्य करना श्रेष्ठ होगा. हालाकी संक्रांति का पूरा दिन ही शुभ होता हैं लेकिन पुण्यकाल का विशेष महत्तव होता हैं.
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