नई दिल्ली (एजेंसी). हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार खतरे में है. मनोहर लाल खट्टर की सरकार बहुमत से दूर रह गई. भाजपा का अबकी बार 75 पार का नारा फेल हो चुका है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, जिन्हें संगठन में बड़ा ओहदा देकर जाटों को साधने की जिम्मेदारी दी गई थी, वह खुद टोहना सीट पर पीछे चल रहे हैं. अमित शाह के फटकार लगाने के बाद बराला ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है.
बराला ने हरियाणा में पार्टी के मन मुताबिक नतीजे नहीं आने के बाद इसकी जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी हाईकमान को अपना इस्तीफा भेज दिया है. बताया जाता है कि बराला ने यह कदम पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के जोरदार फटकार लगाने के बाद उठाया. गौरतलब है कि बराला भाजपा के जाट चेहरा थे. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के गैर जाट होने के कारण जाटों को साधे रखने के लिहाज से जाट बिरादरी से आने वाले बराला को संगठन के शीर्ष पद पर बिठा दिया था.
पार्टी को उम्मीद थी कि जाट चेहरा बराला का शीर्ष पर होना प्रदेश के 28 फीसदी जाट वोटरों को भाजपा के साथ बनाए रखने में सहायक होगा, लेकिन हुआ ठीक उलट. प्रदेश के जाटों को साधने की जिम्मेदारी जिन बराला के कंधों पर थी, वह अपने क्षेत्र के मतदाताओं को साधने में भी विफल रहे.