नई दिल्ली(एजेंसी): भारत और चीन के बीच पिछले कुछ वक्त से तनाव बढ़ा हुआ है. बढ़ते तनाव की वजह से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड पर चीन की मोबाइल कंपनी वीवो के साथ कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने का दबाव बन रहा है. वीवी दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिकेट लीग आईपीएल का टाइटल प्रायोजक है. बीसीसीआई अब तक कहता रहा है कि उसका वीवों के साथ संबंध तोड़ने का कोई इरादा नहीं है.
आईपीएल संचालन परिषद की बैठक में भाग लेने वाले बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस दिशा में बात होने के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा, ”हमें अब भी टी20 विश्व कप, एशिया कप की स्थिति के बारे में पता नहीं है तो फिर हम बैठक कैसे कर सकते हैं. हां, हमें प्रायोजन पर चर्चा करने की जरूरत है, लेकिन हमने कभी रद्द या समाप्त करने जैसे शब्दों का उपयोग नहीं किया.”
अधिकारी ने कहा, ”हमने कहा कि हम प्रायोजन की समीक्षा करेंगे. समीक्षा का मतलब है कि हम करार के सभी तौर तरीकों की जांच करेंगे. अगर करार खत्म करने का नियम Vivo के अधिक पक्ष में होता है तो फिर हमें 440 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के करार से क्यों हटना चाहिए? हम तभी इसे समाप्त करेंगे जब करार खत्म करने का नियम हमारे पक्ष में हो.”
बता दें कि करार खत्म ना करने की एक वजह वीवो के साथ 2022 तक का कॉन्ट्रैक्ट भी है. अगर बीसीसीआई अचानक से कॉन्ट्रैक्ट को खत्म करता है तो उसे वीवो को मुआजवा देना पड़ सकता है. कोरोना वायरस की वजह से पहले ही बोर्ड को काफी नुकसान झेलना पड़ा है, इसलिए बीसीसीआई ऐसा कोई कदम उठाने से बचाना चाहता है.
इतना ही नहीं आईपीएल 13 के आयोजन पर अब तक सवालिया निशान बना हुआ है. बीसीसीआई आईपीएल के आयोजन के तमाम विकल्प तलाश रहा है. लेकिन बीसीसीआई को इसमें कामयाबी नहीं मिलती है तो करीब 4 हजार करोड़ रुपये का नुकसान बोर्ड को झेलना पड़ सकता है.