प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अहम फैसला देते हुये बकरीद पर लॉकडाउन में छूट देने से इनकार कर दिया. पीस पार्टी के नेता डॉ. अयूब की याचिका को खारिज करते हुये यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुये कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते ये प्रतिबंध लगाया गया है. इसके अलावा अदालत ने कहा कि ”ये प्रतिबंध न तो मनमाने हैं और न ही अकारण”. जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस वीके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने इस याचिका को खारिज किया.
लॉक डाउन की जरूरत बताते हुये हाईकोर्ट ने कहा कि ये प्रतिबंध लोक कुशलता और जन स्वास्थ्य के देखते हुये लगाये गये हैं. कोर्ट ने कहा कि ”ये प्रतिबंध संविधान में मिले धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन नहीं है, राज्य इस पर उचित प्रबंध लगा सकता है”.
याची का कहना था कि एक अगस्त को बकरीद है और कुर्बानी बकरीद का अहम हिस्सा है. मगर कोविड 19 के कारण राज्य सरकार ने गाइड लाइन जारी कर हर शनिवार और रविवार को लॉक डाउन का निर्णय लिया है. एक अगस्त को शनिवार है.
इसलिए गाइड लाइन में ढील दी जाए. याची का कहना था कि संविधान के अनुच्छेद 25 में धर्म को मानने और उसके प्रचार प्रसार की आजादी का अधिकार मौलिक अधिकार है. राज्य सरकार की गाइड लाइन से याची को अनुच्छेद 21 और 25 में मिले मौलिक अधिकार का हनन होता है. मौलिक अधिकारों का विशेष दर्जा है.