नई दिल्ली(एजेंसी). पीपीएफ : पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी PPF अकाउंट में हर वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपये जमा करने पर पड़ते हैं. इस रकम को न जमा करने पर आपका पीपीएफ अकाउंट डी-एक्टिवेट हो जाता है. अगर आपको अपना पीपीएफ अकाउंट दोबारा चालू करनवाना को इसकी कुछ शर्तें हैं. आइए देखते हैं आप अपने अस्थायी रूप से बंद पीपीएफ अकाउंट को री-एक्टिवेट कैसे करा सकते हैं. पीपीएफ अकाउंट री-एक्टिवेट कराने के लिए अकाउंट होल्डर को उस बैंक ब्रांच में लिखित आवेदन पड़ता है, जिसमें आपका पीपीएफ अकाउंट है. यह एप्लीकेशन 15 साल के भीतर कभी भी दिया जा सकता है.
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दरअसल, पीपीएफ अकाउंट बंद न हो इसके लिए हर वित्त वर्ष के दौरान 500 रुपये अपने खाते में जमा करने पड़ते हैं. अगर आपका पीपीएफ अकाउंट अस्थायी तौर पर बंद हो गया है तो आपको इसे री-एक्टिवेट कराने के लिए 500 रुपये डिपोजिट के तौर पर देने होंगे. जब आप पीपीएफ अकाउंट री-एक्टिवेट कराने के लिए आवेदन देते हैं, उसी के साथ 500 रुपये जमा कराने पड़ते हैं. पीपीएफ अकाउंट री-एक्टिवेट करने से बैंक 50 साल का पेनाल्टी लगाते हैं. यह पेनाल्टी हर उतने साल के हिसाब से लगती है, जितने साल आपका अकाउंट डी-एक्टिवेट रहा. यह पेनाल्टी जमा करने पर ही अकाउंट दोबारा शुरू होता है.
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एक बार आवेदन मिल जाने के बाद बैंक आपके पीपीएफ खाते की स्क्रूटिनी करता है. अगर अकाउंट को बंद हुए 15 साल हो गए हैं तो पीपीएफ अकाउंट री-एक्टिवेट नहीं हो सकता. हालांकि पेनाल्टी देकर आप इस खाते में जमा पैसा निकाल सकते हैं. हालांकि बंद पड़े खाते में जमा पैसे पर भी ब्याज मिलता रहता है. आप बंद पड़े पीपीएफ खाते के एवज में लोन नहीं ले सकते.पीपीएफ अकाउंट में हर साल आप 1.5 लाख रुपये जमा कर सकते हैं. इस पर 80 सी के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. इसमें आप 15 साल तक पैसे जमा कर सकते हैं.
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