नई दिल्ली (एजेंसी)। लोकसभा चुनाव के लिए लागू आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन मामले में पूर्वी दिल्ली के उपायुक्त ने पांच अप्रैल को रिलीज होने वाली फिल्म ‘पीएम नरेन्द्र मोदी’ के विज्ञापन पर संज्ञान लेते हुए प्रोडक्शन हाउस और म्यूजिक कंपनी समेत दो अन्य को नोटिस भेजा है। सीईओ कार्यालय ने सभी संबंधित को इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए 30 मार्च तक का वक्त दिया है। पूर्वी दिल्ली के रिटर्निंग ऑफिसर व उपायुक्त महेश ने केबल नेटवर्क एक्ट के तहत प्रधानमंत्री के जीवन पर आधारित फिल्म से संबंधित विज्ञापन के लिए प्रोडक्शन हाउस और म्यूजिक कंपनी सहित दो अखबारों को भी नोटिस भेजा है। चूंकि यह फिल्म पूरे देश में रिलीज होगी और इसके महज चंद दिन बाद से कुछ राज्यों में मतदान होने वाला है।
माना जा रहा है कि चुनाव से कुछ दिन पहले एक राजनेता के जीवन पर आधारित फिल्म के प्रदर्शन से मतदाताओं को किसी पार्टी विशेष की तरफ आकृष्ट किया जा सकता है, जिसे केवल नेटवर्क एक्ट का उल्लंघन माना गया है। इसके तहत कोई भी प्रिंट मीडिया, जिनके वेब न्यूज पोर्टल भी हैं, बगैर चुनाव आयोग की अनुमति ऐसा संदेश प्रसारित या प्रकाशित किया जाता है तो उन पर आचार संहिता उल्लंघन की कार्रवाई बनती है।
उपायुक्त के मुताबिक चुनाव आचार संहिता लागू होने के बावजूद विज्ञापन के लिए अनुमति नहीं ली गई, नतीजतन उन्हें नोटिस जारी करते हुए 30 मार्च तक जवाब मांगा गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह ने बताया कि संबंधित पक्षों से इस संबंध में जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
फिल्म के रिलीज होने के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन(एनबीएफसी) को इस संबंध में चुनाव आयोग से पूर्वानुमति लेनी होगी। इसके बाद आयोग के निर्देश के तहत ही फिल्म को कहीं भी प्रदर्शन की अनुमति मिलने की उम्मीद है। चूंकि फिल्म राजनीति और राजनेता की पृष्ठभूमि पर आधारित है, ऐसे में इसके प्रदर्शन के लिए संबंधित आयोग या विभाग की अनुमति जरूरी है।