नई दिल्ली (एजेंसी). एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने (पवार) इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। पवार ने सोमवार को एक मराठी टीवी चैनल को दिए गए साक्षात्कार में यह दावा किया।
पवार ने कहा, पीएम मोदी ने मुझे साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया था। मैंने उनसे कहा कि हमारे आपस में संबंध बहुत अच्छे हैं और हमेशा रहेंगे लेकिन मेरे लिए साथ मिलकर काम करना बिल्कुल संभव नहीं है। पवार ने राष्ट्रपति बनाने के प्रस्ताव पर कहा कि यह खबर बेबुनियाद है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन, मोदी नेतृत्व वाली कैबिनेट में सुप्रिया सुले को मंत्री बनाने का एक प्रस्ताव जरूर मिला था।’
बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रहे घटनाक्रम के बीच पवार ने पिछले महीने पीएम मोदी से मुलाकात की थी और मोदी कई मौकेों पर पवार की प्रशंसा कर चुके हैं। पिछले दिनों मोदी ने कहा था कि संसदीय नियमों का पालन कैसे किया जाता है, इस बारे में सभी दलों को एनसीपी से सीखना चाहिए।
शरद पवार ने कहा, ‘जब मुझे पता चला कि अजित पवार, भाजपा का समर्थन कर रहे हैं तो सबसे पहले मैंने उद्धव ठाकरे से सम्पर्क किया था। मैंने ठाकरे को भरोसा दिया कि जो भी हुआ सही नहीं हुआ और अजित की बगावत को मैं कुचल दूंगा। जब एनसीपी विधायकों को पता चला कि अजित के इस कदम के पीछे मेरा हाथ नहीं है तो जो भी 5-10 विधायक उनके साथ थे, वे दबाव में आ गए।’
पवार ने कहा कि अजित के द्वारा अचानक से भाजपा को समर्थन करने के फैसले से परिवार का कोई भी सदस्य सहमत नहीं था। सभी को लगता था कि उन्होंने गलत किया है।