नई दिल्ली(एजेंसी): सरकार की ओर से निर्यात पर पाबंदी लगाए जाने के बावजूद प्याज के दाम में गिरावट नहीं नजर आ रही है. दिल्ली-एनसीआर में प्याज के दाम अब 80 से 100 रुपये के रेंज में पहुंच गए हैं. प्याज के दाम पर अब पॉलिटिक्स शुरू हो गई है. एनसीपी चीफ शरद पवार ने महंगे प्याज के लिए सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि वह प्याज की स्टॉक लिमिट के मामले में केंद्र से बातचीत करेंगे.
सरकार की ओर से प्याज का स्टॉक लिमिट लागू करने के देश की सबसे बड़ी लासलगांव के प्याज व्यापारी विरोध कर रहे हैं. इस मामले पर लासलगांव एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी समेत नासिक के व्यापारी बुधवार को तीसरे दिन नीलामी में शामिल नहीं हुए. महाराष्ट्र देश का प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य है और नासिक प्याज उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र है. लिहाजा वहां नीलामी का विरोध किए जाने से प्याज की सप्लाई पर असर पड़ा है.
इस बीच, मुंबई में प्याज की खुदरा कीमतें 80 से 100 रुपये के रेंज में पहुंच गई हैं. दरअसल प्याज की कीमतों पर काबू करने के सरकार ने थोक और खुदरा व्यापारियों पर स्टॉक 31 दिसंबर लिमिट लगा दी थी. इस आदेश के बाद खुदरा व्यापारी अब सिर्फ 2 टन प्याज का स्टॉक कर सकते हैं. वहीं थोक व्यापारी 25 टन तक प्याज स्टॉक कर सकते हैं.
शरद पवार ने कहा कि प्याज के निर्यात और भंडारण के मामले में एक नई नीति की जरूरत है, जिसमें सभी स्टेकहोल्डर्स के हित सुरक्षित रहें.
दरअसल इस बार कई राज्यों में बारिश की वजह से प्याज की फसल खराब हो गई थी. इसके अलावा लॉकडाउन ने भी इसके सप्लाई पर असर डाला है. यही वजह है कि प्याज के दाम काबू नहीं हो रहे हैं. अब नई फसल आने और सप्लाई दुरुस्त होने पर कीमतों में कमी आने की उम्मीद है.