रायपुर (अविरल समाचार). ऋषभदेव जैन श्वेताम्बर मंदिर, सदरबाजार के आराधना हॉल में सोमवार को साध्वी वैराग्यनिधिश्री ने श्रद्धालुओं को आत्म साधना के ध्यान में लीन कराते हुए कहा, शरीर मैं नहीं हूं, मैं हूं आत्मा. इस सत्य को स्वीकार करें. भोजन मैं नहीं, शरीर ग्रहण करता है, आत्मा आहार नहीं करती. जैसे चुम्बक लोहे को खींचता है, उसी तरह राग रूपी चुम्बक से हम लोहे की तरह कर्म वर्गणाओं को अपनी आत्मा में एकमेव करते रहते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि राग और द्वेष भी मेरा स्वभाव नहीं, ज्ञानानंदी मैं आत्मा. बहुत कठिन है किंतु फिर भी हमें शरीर से परे स्वयं की आत्मा के निकट होना होगा. हम भवी जीव हैं, कभी
न कभी हम मुक्ति अर्थात् मोक्ष को प्राप्त करेंगे. अनंत जन्मों के बाद जो साधना के शुभारंभ का अवसर हमें मिला है. तो फिर हम क्यों अनंत जन्मों तक जल की तरह बहने वाले, आग की तरह जलने वाले और पाषाण की तरह टूटने वाले ऐसे जन्मों में जाएं. इसी जन्म से हम अपनी आत्मा को मुक्ति की राह में चलने की शुरुआत करें.
पुण्य का उदय होता है तो अर्थ का योग बनता है, पाप का उदय होता है तो आया हुआ धन राख हो जाता है. पुण्य और पाप कर्मों से भिन्न मैं आत्मा हूं, इस सत्य को स्वीकार करें. जो चमड़ी दिख रही है, हम देखते हैं किसी का रंग गोरा, किसी का रंग काला, नामकर्म के कारण शरीर हमें भिन्न-भिन्न दिखाई देते हैं किंतु जब हम सिद्ध अवस्था को प्राप्त होते हैं, नाम, गोत्र और वेदनीय कर्म आत्मा से विलग हो जाते हैं. कर्म अलग है और आत्मा अलग. शरीर-शरीर है, पुद्गल-पुद्गल है, इस भेद ज्ञान को जानने का हम प्रयास करें. आत्मा का कोई रंग नहीं, वह न शस्त्रों से कटती है ना अग्नि उसे जला सकती है, यही एकमात्र सत्य है.
ऋषभदेव जैन मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया, कार्यकारी अध्यक्ष अभय भंसाली व ट्रस्टी तिलोकचंद बरड़िया ने बताया कि आज पूज्या साध्वी वैराग्यनिधिश्रीजी के जन्म दिवस पर श्रीसंघ की ओर से उनके ज्ञान-दर्शन, चारित्र्य की उत्तरोत्तर अभिवृद्धि की कामना करते हुए कृतज्ञता ज्ञापित की गई. इसी उपलक्ष्य में ऋषभदेव जैन मंदिर में प्रात:काल स्नात्र पूजा सम्पन्न हुई. जैन श्वेताम्बर चातुर्मास समिति के अध्यक्ष महावीर तालेड़ा, महासचिव खेमराज बैद व कोषाध्यक्ष निलेश गोलछा ने बताया कि शुक्रवार, शनिवार व रविवार को बच्चों के लिए तीन सत्रों में संस्कार शिविर का आयोजन किया जा रहा है. साथ ही रविवार को प्रवचन सभा में बच्चों के लिए मोटिवेशनल स्पीच, प्रेरणास्पद उद्बोधन होगा.