नई दिल्ली(एजेंसी): एक नई रिसर्च से इस बात का खुलासा है कि फोटो-शेयरिंग ऐप इंस्टाग्राम एक न्यूज सोर्स के रूप में ट्विटर से आगे निकलने के लिए तैयार है. 2020 के रॉयटर इंस्टीट्यूट डिजिटल न्यूज की रिपोर्ट में पाया गया कि 2018 के बाद से खबरों के लिए इंस्टाग्राम का इस्तेमाल दोगुना हो गया है.
युवाओं में इसका चलन सबसे ज्यादा है. रिपोर्ट में कहा गया कि ब्रिटेन के लगभग एक चौथाई 18-24 वर्षीय बच्चों ने कोरोनोवायरस के बारे में खबरों के स्रोत के रूप में इंस्टाग्राम का इस्तेमाल किया.
हालांकि इसमें यह तथ्य भी निकल कर आया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी सबसे कम विश्वसनीय स्रोतों में शामिल हैं. सिर्फ 26% लोगों ने कहा कि उन्होंने वायरस के बारे में जानकारी के स्रोत के रूप में सोशल मीडिया पर भरोसा किया. इसी तरह के प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने उन समाचारों पर भरोसा किया जो फेसबुक मैसेंजर और व्हाट्सएप जैसे चैट एप के माध्यम से शेयर किए गए थे.
इसके विपरीत, राष्ट्रीय सरकारों और समाचार संगठनों, दोनों पर लगभग 59% उत्तर देने वालों ने भरोसा किया गया. इंस्टाग्राम का उपयोग सर्वे का जवाब देने वाले सभी लोगों में से एक तिहाई से अधिक ने किया जिनमें से दो-तिहाई से 25 साल से कम के हैं. 11% लोगों ने समाचार के लिए इंस्टाग्राम का इस्तेमाल किया, यह ट्विटर से सिर्फ एक प्वाइंट कम है.
रिपोर्ट के प्रमुख लेखक, निक न्यूमैन ने कहा, “इंस्टाग्राम युवा लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हो गया है, वे वास्तव में उन स्टोरीज पर अच्छी तरह से प्रतिक्रिया देते हैं जो विजुअल इमेज के साथ सिंपल तरीके से बताई जाती हैं.”
हाल के महीनों में स्टैंड-आउट विजुअल स्टोरीज की मदद से जलवायु परिवर्तन, ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन, और कोरोनोवायरस को लेकर प्लेटफॉर्म पर बढ़िया एंगेजमेंट देखा.
न्यूमैन ने कहा, “यह जरूरी नहीं है कि यह एक निश्चित तौर पर दूसरे की जगह ले ले,वे फेसबुक और इंस्टाग्राम का इस्तेमाल कर सकते हैं, या ट्विटर और इंस्टाग्राम का उपयोग कर सकते हैं.”
न्यूमैन ने कहा कि इंस्टाग्राम का स्वामित्व फेसबुक के पास है, जो अब प्रत्येक सप्ताह 85% लोगों तक पहुंचता है. कंपनी का इस बात पर जोर कि स्टोरी किस तरह से बताई जानी है आज भी अहम है. फेसबुक के पास व्हाट्सएप का भी स्वामित्व है.
कोरोनावायरस महामारी ने इस बात का भी संकेत दिया है कि लोगों का न्यूज ऑर्गेनाइजेशन पर विश्वास घटने पर कुछ विराम लगा हैं. सिर्फ 38% लोगों ने कहा कि वे अधिकांश मौको पर न्यूज पर भरोसा करते हैं. जबकि 46% ने कहा कि उन्होंने अपने पंसदीदा न्यजू सोर्स पर भरोसा किया. कुल मिलाकर, यह सर्वे 40 देशों में हुआ और सिर्फ छह में बहुमत ने कहा वे अधिकांश समय अधिकांश समाचारों पर भरोसा कर सकते हैं. ब्रिटेन में ऐसा कहने वाले सबसे कम थे यहां सिर्फ 28% लोगों ने इस बात का समर्थन किया जो कि पिछले साल से 12% कम था.
लेकिन कोरोनोवायरस संकट की चपेट में आते ही चीजें काफी हद तक बदल गईं. अप्रैल में एक अलग तरह से कोरोनावायरस के बारे में अलग तरह से सवाल पूछा गया जो कि जानकारी के विश्वास जुड़ा तो न्यूज ऑर्गेनाइजेशनों की ट्रस्ट रेटिंग में 59% की बढ़ोतरी देखी गई. न्यूज ऑर्गेनाइजेशनों पर विश्वास की इस बढ़ोतरी का एक कारण यह भी था कि इन्होंने पब्लिक हेल्थ पर ज्यादा फोकस किया.