मुंबई (एजेंसी). नागरिकता संशोधन विधेयक पर मोदी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है. इस बिल का कांग्रेस समेत कई पार्टियां विरोध कर रही हैं लेकिन कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाने वाली शिवसेना ने बिल का समर्थन किया है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि हमारा रुख हमेशा घुसपैठियों के खिलाफ रहा है. मुंबई में हमने बांग्लादेशियों से सामना किया है. राष्ट्रीय सुरक्षा पर हम हमेशा किसी भी सरकार के साथ हैं.
संजय राउत ने कहा कि हर राज्य के बिल के बारे में अलग-अलग राय है, दूसरों की राय भी लेनी चाहिए. असम में बीजेपी के मुख्यमंत्री भी इसका विरोध कर रहे हैं. मैं किसी भी धर्म के बारे में चिंतित नहीं हूं और मुझे पता है कि मुंबई में क्या हो रहा है. हम देखेंगे कि यह बिल कब सदन में आएगा.
इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 को अपनी मंजूरी दे दी. इस बिल के संसद में पारित होकर कानून बन जाने के बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न के शिकार हिंदुओं, ईसाइयों, सिखों, पारसियों, जैनों और बौद्ध अनुयाइयों को भारत की नागरिकता दी जा सकेगी.
यह बिल चुनिंदा श्रेणियों के अवैध प्रवासियों को नागरिकता का पात्र बनाने के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955 को संशोधित करने के लिए है. इस बिल में मुस्लिमों को शामिल नहीं करने पर विपक्ष, अल्पसंख्यक संगठनों और अन्य ने हमला बोला है. उन्होंने इस तर्क पर भी इस विधेयक का विरोध किया कि यह संविधान के खिलाफ है, क्योंकि संविधान धर्म के आधार पर किसी नागरिक से भेदभाव नहीं करता है.
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