नवरात्रि 2020 : 17 अक्टूबर से, घटस्थापना के समय इन बातों का रखें ध्यान

नई दिल्ली (एजेंसी). नवरात्रि 2020 (Navratri 2020) : पंचांग के अनुसार 17 अक्टूबर को आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि के पर्व शुरू हो रहे हैं. नवरात्रि के पर्व का आरंभ घटस्थापना से माना जाता है. घटस्थापना के बाद से ही नवरात्रि की पूजा आरंभ होती है. मान्यता है कि नवरात्रि में स्थापित इस कलश में भगवान गणेश जी का वास होता है. इसलिए इस कलश की स्थापना विधि पूर्वक करनी चाहिए.

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नवरात्रि 2020 (Navratri 2020) के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है.लेकिन इससे पहले घट स्थापना की जाती है. कलश स्थापित कर मां का आह्वान करते हैं. नवरात्रि में कलश स्थापना में शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखना चाहिए. घट स्थापना का शुभ समय प्रतिपदा का एक तिहाई भाग बीत जाने के बाद या फिर अभिजीत मुहूर्त करना अच्छा माना गया है.

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प्रथम दिन माता की चौकी स्थापित की जाती है. मां का आसन लाल रंग का होना चाहिए. क्योंकि मां दुर्गा को लाल रंग अधिक पसंद हैं. लाल रंग प्रगति और शक्ति का सूचक माना गया है. घटस्थापना के लिए स्वच्छ मिट्टी का ही प्रयोग करना चाहिए. इसमे जौ, मिट्टी, जल से भरा हुआ कलश, मौली, इलायची, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, साबुत चावल, सिक्के, अशोक या आम के पांच पत्ते, नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, फूलों की माला और श्रृंगार का सामान रखते हैं.

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नवरात्रि में स्थापित किए जाने वाले कलश पर स्वास्तिक को निशान जरूर बनाना चाहिए. क्योंकि स्वास्तिक के निशान को गणेश जी का प्रतीक माना गया है. वहीं कोई भी शुभ करने से पूर्व इस निशान को बनाना अति शुभ माना जाता है. वहीं स्वस्तिष्क चिह्न जीवन की बाल्यवस्था, युवावस्था, प्रौढ़ावस्था और वृद्धावस्था को दर्शाता है.

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नवरात्रि के पर्व के मौके पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. मां दुर्गा को स्वच्छता अधिक पसंद हैं. वहीं नवरात्रि की पूजा और व्रत में नियमों का विशेष महत्व है. इसलिए घर का वातावरण साफ सुथरा रखना बहुत ही जरूरी है.

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