नई दिल्ली (एजेंसी). बुधवार शाम को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का एक ट्वीट आया तो पूरे देश में हलचल मच गई। रूपाणी ने ट्वीट किया था कि गुजरात में अब से हेलमेट पहनने पर प्रतिबंध नहीं होगा। यानी कि दोपहिया वाहन चालक बिना हेलमेट के ड्राइविंग कर सक सकते हैं। वहीं गुजरात सरकार के इस फैसले के बाद बाकी राज्यों में भी मोटर व्हीकल एक्ट के तहत हेलमेट पहने से छूट दिए जाने की मांग उठने लगी।
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संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट में हेलमेट न पहनने पर कड़े जुर्माने का प्रावधान है। वहीं गुजरात पहला ऐसा राज्य है, जहां संशोधित या मोटर व्हीकल एक्ट के कई प्रावधानों को या तो हटा दिया गया है या फिर उनके उल्लंघन करने पर लगने वाली जुर्माना राशि को कई गुना तक घटा दिया गया है। यहां तक कि सरकारें इस तथ्य तक की अनदेखी कर रही हैं, कि हर साल हेलमेट ने पहनने से हजारों लोग दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। वहीं मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अपने ट्वीट में हेलमेट से प्रतिबंध हटाने के फैसले को जनहित में बताया है।
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राज्य सरकार का कहना है कि उन्हें हेलमेट पहने को लेकर कई दिनों से कई दोपहिया वाहन चालकों के प्रतिवेदन मिल रहे थे, जिसके बाद मंत्रिमंडल ने इसे हटाने का फैसला किया। फैसले के मुताबिक नगर निगम या नगरपालिका क्षेत्रों के अंदर हेलमेट पहने के नियम की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। साथ ही सरकार ने साफ किया है कि राजमार्गों, बाहरी इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों में दोपहिया वाहन चालकों के लिये हेलमेट पहनना जरूरी रहेगा।
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